जंगली जानवरों की कहानी | True Funny Short Stories About Animals Hindi
ऊंचे-ऊंचे पहाड़ों से घिरा सुंदरवन जंगल, जहाँ ढेर सारे जानवरों के बीच भालूओ का एक झुंड रहा करता था । उन्हीं भालूओं के बीच रहने वाला नन्हा मोलू आज बड़ा उदास है । वह एक पेड़ के नीचे मुंह गिराए ऐसे बैठा है मानो वह सो रहा हो परंतु ऐसा नहीं है उसकी आंखें खुली हैं और वह कुछ सोच रहा है ।
मोलू को ऐसे उदास देख उसकी मां उसके पास आती है और उससे उसकी उदासी का कारण पूछने लगती है परंतु मोलू उसे कुछ भी नहीं बताता । बच्चे की ऐसी हालत देख भला कौन मां चैन से रह सकती है । वह मोलू से बार-बार उसकी उदासी का कारण जानने की कोशिश करने लगती है तब आखिरकार मोलू उसे बताता है, वह कहता है
“मां अब मैं बड़ा हो चुका हूँ । मैं परिवार पर अब बोझ बनकर नहीं रहना चाहता इसीलिए मैं अपना शिकार खुद करना चाहता हूँ परंतु कुछ दिनों पहले काजू से मेरी मारपीट हो गई । उसके बाद से मैं जब भी शिकार की तरफ बढ़ता हूँ काजू और उसके दोस्त मार्ग में नए-नए अवरोध उत्पन्न करते हैं । वे कभी मुझे अपनी टांगों में फसा कर गिरा देते हैं तो कभी मेरे सामने स्तम्भ बनकर खड़े हो जाते हैं और ये सब उनका तब तक जारी रहता है जब तक मैं हार मान कर वापस न लौट जाऊं । जी तो करता है कि मैं क्यूँ न उनका गला ही दबा दूं”
नहीं-नहीं, बेटा ऐसा नहीं कहते । आखिर हैं तो वे तुम्हारे दोस्त ही ना और फिर इन सब पचरों में पड़कर वक्त नहीं गवाना चाहिए । मैं उनसे बात करूंगी सब ठीक हो जाएगा”
मां के इस दिलासे के बावजूद मोलू का दुख कम नहीं होता । वह चुपचाप वहीं पड़ा रहता है ।
तभी वह चींटियों के एक झुंड को कतारबद्ध होकर, पेड़ की मोटी-मोटी जड़ो पर चढते और उन्हे पार करते हुए देखता है । तभी कुछ चीटें (बड़ी चींटिया) उनके मार्ग में अवरोध उत्पन्न करते हैं परंतु निर्भीक चीटियां, चीटों द्वारा उत्पन्न बाधाओं से हार नहीं मानती, वे आगे बढ़ने का प्रयास निरन्तर जारी रखती हैं । वे वक्त न गवाते हुए आगे निकलने के लिए कोई न कोई दूसरा रास्ता तलाशने में लगी रहती हैं । वे कभी चीटों के दाएं से तो कभी उनके बाएं से निकलने का प्रयास करती रहती हैं और सबसे रोचक बात ये कि इस संघर्ष की घड़ी मे भी उनकी निगाहें ठीक सामने अर्थात अपनी मंजिल की ओर हैं परिणामस्वरूप वो चीटों को मात देकर आगे निकल जाती हैं !
यह देख मोलू का चेहरा खिल उठता है । उसका शरीर ऊर्जा से भर जाता है । अब देर न करते हुए वह शिकार की ओर निकलता है परंतु हमेशा की तरह उसके दोस्तों की निगाहें मोलू पर टिकी हैं ।
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थोड़ी ही देर में मोलू को एक शिकार नजर आता है परंतु वह जैसे ही शिकार की और दौड़ता है । काजू और उसके दोस्त हमेशा की तरह उसके मार्ग में नए-नए अवरोध उत्पन्न करना शुरू कर देते हैं परंतु मोलू का मोटो इस बार बिल्कुल क्लियर है उसका ध्यान सिर्फ और सिर्फ अपनी मंजिल पर टिका है ।
दूसरे भालू जैसे ही मोलू का रास्ता बाधित करने की कोशिश करते हैं वह फौरन कोई न कोई दूसरा रास्ता तलाश लेता है इस प्रकार शह और मात का खेल उनके बीच काफी देर तक चलता रहता है और आखिरकार मोलू को अपने शिकार तक पहुंचने में कामयाबी हासिल होती है । जिसे देख कर काजू और उसके दोस्त दांतो तले उंगली दबा लेते हैं ।
कहानी से शिक्षा | Moral Of This Short Inspirational Story In Hindi
दोस्तों चीटियों के इस Positive Attitude से हमें सीख लेनी चाहिए । आपने गौर किया होगा कि चीटियां जब अपने मार्ग से जा रही होती हैं और यदि उस समय कोई बाधा उनके मार्ग में उत्पन्न होती है तो वे फौरन मार्ग में उत्पन्न अवरोध के अगल-बगल या अन्यत्र कहीं से भी अपना नया मार्ग ढूंढ लेती हैं और आगे बढ जाती हैं ।
यहां गौर करने वाली एक बात और है कि इस पूरी प्रक्रिया में उनकी निगाहें सिर्फ और सिर्फ सामने अपनी मंजिल की ओर होती हैं ।
अपने लक्ष्य तक पहुंचने के लिए हमें भी में कुछ ऐसा ही करना होगा । मार्ग में उत्पन्न बाधाओं से विचलित हुए बगैर हमें नए मार्ग तलाशने होंगे । हमेशा आगे की और देखना होगा अर्थात Positive Thinking अपनानी होगी और ऐसा करके अपने गोल तक पहुंचने में हम निश्चित रूप से कामयाब हो सकेंगें ।
करन मिश्रा को प्रारंभ से ही गीत संगीत में काफी रुचि रही है । आपको शायरी, कविताएं एवं गीत लिखने का भी बहुत शौक है । आपको अपने निजी जीवन में मिले अनुभवों के आधार पर प्रेरणादायक विचार एवं कहानियां लिखना काफी पसंद है ।
करन अपनी कविताओं एवं विचारों के माध्यम से पाठको, विशेषकर युवाओं को प्रेरित करने का प्रयत्न करते हैं ।