तकलीफ़ की पोटली प्रेरणा गहलोत की दर्द भरी कविता
तकलीफ़ एक हो तो बताऊं
तकलीफ़ की पोटली किस किस को दिखाऊं
उठाए नहीं उठते हैं अब ये
इसे और कहां तक ले जाऊं
आने वाले ग़मो का इल्म नहीं है
इसमें और क्या क्या छुपाऊं
भारी तो पहले से हीं है
इसे क्या और भारी बनाऊं
Poet
प्रेरणा गहलोत
यह कविता प्रेरणा कुमारी द्वारा लिखी गई है | प्रेरणा कुमारी बेगूसराय, बिहार की रहने वाली है | समाज की बुराइयों पर कुठाराघात करना आपकी कविताओं की प्रमुख विशेषता है |
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