अगर मैं पक्षी होता – कविता – निशा कौशल सिंह

 अगर मैं पक्षी होता।

दूर – दूर तक घूमकर आता,

अगर मैं पक्षी होता।

मम्मी जो बुलाती अंदर आओ- श्याम हो गई ,

चू- चू  कर फिर उड़ जाता,

अगर मैं पक्षी होता।

खूब देर तक करता अचर- विचर मैं,

भूख लगने पर पेड़ से ताज़ा मीठे फल खाता,

अगर मैं पक्षी होता।

ना पढ़ने की चिंता,

ना बीमारियों का डर,

बस सेर ही सेर करता मैं नभचर ,

अगर मैं पक्षी होता।

अगर मैं पक्षी होता।।

                                      

अगर मैं पक्षी होता – कविता - निशा  कौशल सिंह

Poet
निशा  कौशल सिंह
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author

Karan Mishra

करन मिश्रा को प्रारंभ से ही गीत संगीत में काफी रुचि रही है । आपको शायरी एवं कविताएं कहने का भी बहुत शौक है । आपको, अपने निजी जीवन एवं कार्य क्षेत्र में मिले अनुभवों के आधार पर प्रेरणादायक विचार एवं कहानियां लिखना काफी पसंद है । करन अपनी कविताओं एवं विचारों के माध्यम से पाठको, विशेषकर युवाओं को प्रेरित करने की कोशिश करते रहे हैं ।

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