चारो ओर से नदियों से घिरे होने के कारण मधुबनी जंगल अत्यंत सुंदर था । स्वर्ग सदृश्य इस वन मे विभिन्न प्रकार के पशु पक्षी रहा करते थे जिनमें परस्पर बहुत प्रेम था ।
सुन्दरता से परिपूर्ण इसी जंगल में तोता मैना का एक जोड़ा काफी दिनो से खुशी खुशी रहा करता था परंतु एक दिन उनकी खुशियों को न जाने किसकी नजर लग गई और जंगल के बीचोंबीच उठी छोटी सी चिंगारी ने भयानक आग का रूप ले लिया परिणास्वरूप कल तक हरा भरा दिखने वाला जंगल आग के आगोश मे समा गया ।
कुछ दिनो बाद जंगल की आग बूझ तो गई परंतु उसने अपने साथ कई जिन्दगियों को भी बूझा ढाला । आग खत्म होने के बाद जंगल का दृश्य बिल्कुल बदल चुका था जो कल तक अपनी सुन्दरता के नाते जाना जाता था आज बिल्कुल उजड़ चुका था । जंगल के अधिकतर पेड़ पौधे व पशु पक्षी आग की गोद में समा चुके थे ।
जंगल के एक अधजले पेड़ की डाल पर तोता बैठा था अब चूँकि जब सबने यहां कुछ न कुछ खोया था तो भला तोता कैसे बाकी रह सकता था । तोता अपनी मैना से हमेशा-हमेशा के लिए जुदा हो चुका था । हालांकि तोते ने मैना को बचाने की बहुत कोशिश की जिसमें उसके पंख बुरी तरह झुलस गए जिसके कारण अब वो उड़ तो सकता था परंतु ज्यादा से ज्यादा पेड़ की एक डाल से दूसरी डाल तक और वह भी बड़ी ही कठिनाई से ।
मैना से बिछड़ने के गम मे तोता पेड़ की एक डाल पर बैठा, मैना के साथ बिताए गए अच्छे दिनों को याद कर रहा था । हालांकि इस दुख की घड़ी मे उसका दर्द बांटने वाला उसका कोई दोस्त वहां मौजूद नहीं था ।
तोता खुद को ऐसी स्थिति में बड़ा असहाय महसूस कर रहा था । कुछ दिन के इंतजार के बाद जब उसका कोई साथी वहां नहीं लौटा तब वह निराश होकर वहां से कहीं और जाने की सोचने लगा । परंतु उड़ने मे असमर्थ तोता कहीं जा भी नही सकता था ।
तभी एक दिन तोते की किस्मत ने करवट बदली और डूबते को तिनके का सहारा मिल गया । न जाने कहां से कुछ हाथियों का झुंड, जलकर खाक हुए उस जंगल से गुजरा । वे पेड़ पर बैठे तोते के बिल्कुल नीचे से होकर जा रहे थे ।
तोते ने सही समय पर अवसरों को पहचान लिया और देर न करते हुए वह हाथियों के झुंड में जा रही एक हाथी के पीठ पर जा बैठा । हाथियां काफी देर तक यूं ही चलती रही ।
आगे नदी को पार करते ही उनके सामने एक दूसरा खूबसूरत जंगल दिखाई दिया । यह सारा नजारा देख तोता बहुत खुश हुआ उसे फिर से एक नया जीवन मिला था। कुछ दूर अंदर जाने के बाद तोते को एक आम के रसदार फलों से लदा हुआ पेड़ दिखाई पड़ा ।
काफी दिनों से भूखे-प्यासे तोते को जैसे अमृत का घड़ा मिल गया हो । उसने मौके का फायदा उठाते हुए हाथी को छोड़ आम के पेड़ पर जा बैठा और उन रसदार फलों का मजा लेने लगा । वह काफी स्वादिष्ट थे । आम के उस पर कई पंक्षी पहले से मौजूद थे जब तोते की नजर उन पर पड़ी तो तोते की खुशी दुगनी हो गई । उस लगा मानो उसकी पुरानी दुनिया वापस लौट आई हो वही घना खूबसूरत जंगल वही रसदार फलों का पेड़ और ढेर सारे दोस्त ।
तोते ने फलों को चखना बंद कर उनसे बात करनी चाही । वे पंछी भी जंगल में आए नए मेहमान को देखकर उससे मिलने आए परंतु तोते के पंखों की ऐसी हालत देखकर वह सब उस पर हंसने लगे । तोते को यह सब देख कर काफी हीनता महसूस हुई । हमारी लेटेस्ट (नई) कहानियों को, Email मे प्राप्त करने के लिए यहाँ क्लिक करें. It’s Free !
फिर भी उसने उनसे बात करनी चाही परंतु वे सब बस उसे चिढ़ाने में लगे रहें । तोते को समझ गया कि इनसे दोस्ती की इच्छा रखना व्यर्थ है ऐसे में मौके की नजाकत को समझते हुए तोते ने उनसे थोड़ा दूरी बना ली ।
कुछ ही दिनों में बारिश का मौसम आया इंद्रदेव जोर-जोर से बरसने लगे । पानी की बूंदे जैसे ही पंछियों पर गिरी वे भागकर अपने अपने घोसलों में जाकर छुप गए परंतु तोते के पास अपना कोई घोंसला नही था ।
लिहाजा उसने दूसरे पक्षियों के घोसलों में शरण लेनी चाहिए जैसे ही तोता उन पक्षियों के घोंसले में घुसना चाहा एक-एक करके सभी पक्षियों ने अपने घोसलों से उसे भगा दिया । बेचारा तोता अंत में चुपचाप पेड़ की एक डाली पर बैठकर सारी रात भीगता रहा वहीं अन्य सारे पंछी उसे देखकर हंसते रहे ।
रात की सुबह हुई और बारिश थम गई । पंक्षी अपने-अपने घोसलों से निकल आए । उधर रात भर भीगे तोते की हालत काफी पतली हो गई थी परंतु उसकी ऐसी दशा पर तरस आने के बजाए बाकी सबको मजा आ रहा था । वे ठंड से ठिठुरे तोते का सिर्फ मजाक बनाने में लगे थे एक रात की बारिश ने तोते को ये समझा दिया था कि अगर उसे बारिश से बचना है तो उसे दूसरों का मुंह देखने की बजाय खुद का घोसला बनाना होगा ।
इसलिए हालत सुधरने के साथ ही तोते ने घोंसले का निर्माण शुरू कर दिया परंतु पंखों की बुरी दशा के कारण घोसले के लिए आवश्यक वस्तुएं जुटा पाना उसके लिए मुश्किल हो रहा था । वह बार-बार कोशिश करता परंतु हर-बार असफल रहता । उसकी असफलता पर मुंह फाड़ कर हसने वाले कम न थे ।
धीरे-धीरे सारे पंछी तोते की कमजोरी को समझ गए । वे जान गए कि तोता खुद का घोसला तो बनाना चाहता है परंतु उसके लिए जरूरी घास फूस जूटा पाने मे वह असमर्थ है ।
बस फिर क्या था सबने अपनी-अपनी तरह से उसकी इस कमजोरी का मजा लेना शुरू कर दिया कुछ उसे दूर-दूर से ही घास फूस दिखाकर उसे लेने के लिए तोते को निमंत्रण देते और तोते के पास पहुंचते ही घास को नीचे गिरा देते और बेचारा तोता अपना सा मुंह लेकर रह जाता । वहीं कुछ पंछी, तोते पर अचानक घास-फूस की बरसात कर देते ताकि वह उनमें उलझकर नीचे गिर जाए और फिर कभी वापस उपर न आ पाए ।
परंतु तोता, न सिर्फ उनके वार से खुद को बचाता बल्कि उन घास-फूस को इकट्ठा करके अपने घोंसले का निर्माण भी करता और फिर एकदिन उसने खुद पर फेंके गए घास-फूस से अपना घरौंदा तैयार कर लिया ।
कहानी से शिक्षा | Moral Of This Best Inspirational Story In Hindi
स्कूल, ऑफिस, व्यापार, समाज या अन्यत्र कहीं भी जब आलोचनाएं झेलनी पड़ती हैं तो इन आलोचनाओं से कभी-कभी हम या तो टूट जाते हैं या अपने मार्ग से विचलित हो जाते हैं ।
क्रिकेट के मैदान में अक्सर देखा गया है कि गेंद फेंकने वाला बॉलर अक्सर कुछ ऐसा व्यवहार करता है जिसके कारण Batsman विचलित हो जाए और फिर वो खुद ही कोई गलत शॉट खेलकर पवेलियन वापस चला जाए ।
ऐसा करने में वे अक्सर सफल भी हो जाता है परंतु समझदार क्रिकेटर गेंदबाज की इस चाल को समझ कर कुछ ऐसा करता है जिससे उसका दाव उसी पर भारी पड़ जाता है ।
दोस्तों हम सभी को समाज में आलोचनाएं झेलनी ही पड़ती है कुछ लोग जो हमें आगे बढ़ने नहीं देना चाहते उनका कार्य ही सिर्फ हमारी आलोचना करना है या हमें आगे बढ़ने से रोकना है ।