दिवाली या दिपावली 2019 कब है मुहूर्त कहानी कथा निबंध Happy Diwali 2019
दीपावली क्यों मनाई जाती है ?
दिवाली और दशहरे में संबंध
कब है दिवाली 2019 में तिथि एवं पूजन मुहूर्त
दीपावली की पूजन विधि
उसके बाद मां लक्ष्मी गणेश की प्रतिमा अथवा उनकी फोटो जो आपके पास हो उसे रख कर मंत्रों के उच्चारण के साथ विधि विधान से पूजन करें शुद्ध जल से स्नान कराते हुए उन्हें माला पहनाए और मिष्ठान चढ़ाएं, इसके उपरांत अछत को चढ़ाने के बाद एक दिए को जलाएं और उससे धीरे-धीरे करके सारे दियो को जलाए इसके उपरांत मां लक्ष्मी की आरती करें प्रभु गणेश की आरती करें तत्पश्चात दियो को आसपास के मंदिरों में एवं घर के कोने कोने में रखें ।
धनतेरस
धनतेरस की शाम मिट्टी का दीपक जलाकर उसे घर के बाहर दक्षिण दिशा में यमराज के लिए रखा जाता है और फिर भगवान धनतेरस की विधि विधान से पूजा की जातीं है ।
धनतेरस में लक्ष्मी गणेश की मूर्ति, बर्तन आदि प्रमुख रूप से खरीदा जाता है । इस दिन खरीदारी करने से धन की कमी नहीं रहती है इसलिए इस दिन कुछ जरूर खरीदे ।
धनवंतरी देवताओं के चिकित्सक माने जाते हैं इसीलिए यह दिन चिकित्सकों के लिए भी खास हैं ।
छोटी दीवाली
दिवाली मनाएं पर सावधानी से
- वैसे तो दिवाली धूम-धड़ाके का त्यौहार है चारों तरफ पटाखों की गूंज सुनाई देती है परंतु फिर भी इस दीवाली में थोड़ी सावधानी की भी आवश्यकता है
- आजकल जहां पोलूशन बहुत ज्यादा होने लगा है ऐसे में जहां तक हो सके कम से कम पटाखों का उपयोग करें ।
- बच्चों को खतरनाक पटाखे न जलाने दे जहां तक हो सके पटाखे जलाते वक्त आप उनके साथ वहां मौजूद रहे ।
- पटाखों का आनंद उठाने के लिए चिपके हुए कपड़ों का प्रयोग करें ज्यादा ढीले-ढाले कपड़ों से बचें ।
- कई लोग पटाखों के न जलने पर तुरंत ही उसके पास जाकर उस का निरीक्षण करने लगते हैं बेहतर होगा कि थोड़ा धैर्य रखें जो पटाखे न फुटे उसे वैसे ही छोड़ दे ।
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