ऐसा हेमंत ने सोचा
दोस्त से इन सब बातों को जानने के बाद हेमंत ने भी बेकर्स की दुकान डालने की सोची। भाड़े की दुकान के किराए के लिए हेमंत के पास पैसे थे। मगर ऊंची पगड़ी का इंतजाम कर पाना उसके लिए दूर की कौड़ी साबित हो रही थी।
दुकान पर आने वाले ग्राहकों को तो बस हर चीज एक दम ताज़ी चाहिए थी। एक दिन भी पुरानी चीजों को कोइ खरीदना नहीं चाहता ।
हेमंत के नुकसान से ग्राहकों का क्या लेना देना । भला वो उसके नुकसान की चिंता क्यों करें। कुछ तो ताजे माल में भी कमी निकाल देते। ऐसे ग्राहकों से हेमंत काफी इरिटेट हो जाता और अपना संयम खो बैठता।
एक तरफ गला काट प्रतियोगिता मे घटता मुनाफा दूसरी तरफ कच्चे सामान में बढ़ता नुकसान। ऐसे में हेमंत का उत्साह धीरे-धीरे कम होने लगा।
हेमंत को समझ में आ गया कि इस काम से जिंदगी तो गुजारी जा सकती है। मगर कुछ हासिल कर पाना सफेद झूठ से ज्यादा कुछ भी नहीं। इस काम से सबक लेते हुए धैर्य के साथ उसने सफलता के नए रास्तों को तराशना शुरू कर दिया।
एक दिन अचानक काफी दिनों से बन्द पड़ी, सामने वाली दुकान का शटर उठा, पता चला कि उसमें कोई बेकर्स की दुकान खोलेगा। यह सुनकर हेमंत हंस पड़ा।
हेमंत दुकानदार को समझाना चाहा। मगर फिर न जाने वह मन ही मन क्या सोचकर
वहाँ नही गया।
हेमंत के दिमाग में हर पल अब यही सवाल गूंज रहे था। उधर हेमंत की पुरानी मुसीबतों ने नया रूप ले लिया था ।
कपड़े के कारोबार में दूसरे ही दिन नुकसान होने वाला तो कुछ भी नहीं था। मगर रोज बदलते फैशन में कौन सा परिधान कब ओल्ड फैशन बन जाए और फिर उसकी बिक्री पर ताला जड़ जाए यह कोई नहीं जानता।
दुकानदार उसे सुनकर हंस पड़ा। दुकानदार ने बताया कि
“मैन काफी समय पहले इस काम को अपने घर के पास वाले बाजार से शुरू किया था। तब मुझे भी ऐसी ही मुसीबतों का सामना करना पड़ा। जो तुमने किया मगर जैसे-जैसे मैंने इस काम की बारीकियों को समझा और उसपर गौर करना शुरू किया मेरा काम दिन-प्रतिदिन पहले के मुकाबले आसान होता गया”
दुकानदार ने फिर कहा
हेमंत को अपनी खामिया याद आ रही थी
दुकानदार ने बताया कि
“क्वालिटी को बरकरार रखकर इस छोटे से दिखाने वाले बिजनेस को मैंने ब्रांड बना दिया। जिसका नाम है
आई मीन मेरी, दुकान का नाम मैंने शहर में जितनी भी दुकानें खोली सबका नाम माई टेस्ट है”
Moral of the story
जॉब या बिज़नेस को बदलते रहना बेहद आसान है but किसी भी job या business में success पाने के लिए, काम की बारीकियों & उसकी पहली शर्त को समझना और उसे पूरा करने का हर सम्भव प्रयास करने से ही सफलता सम्भव है !
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