शेर – आज तुम जिसका शिकार कहो उसका शिकार करूँ
शेरनी – इसमे मेरे कहने का क्या मतलब है जेसे रोज शिकार करते हो वैसे ही जो मिले उसका शिकार करो
शेर – फिर भी , हिरन या कुछ और
शेरनी – हिरन का मजा तो अभी कल ही लिया था आज जिराफ का शिकार करते है बहुत दिन हो गये जिराफ का दावत नही मिला है
शेर आज शेरनी को इम्प्रेश करने के चक्कर में था इसलिए वह उसकी मनपसंद जानवर का शिकार करना चाहता था शेर और शेरनी उस जगह पर आ गए जहाँ पर जानवर झुण्ड में थे भैंसों का झुण्ड अपना घास चार रहा था हिरन जिराफ जेब्रा आदि जानवरों की पूरी टीम मौजूद थी शेर ने जिराफ को टारगेट बनाया ,और उसके तरफ धीरे धीरे बढ़ा, वह नही चाहता था कि जिराफ को उसके मनसूबे का पता चले, शेर को जब लग गया कि अब वह उस पर हमला बोल सकता है तो वह उस पर अटैक करने की पोजीशन में आ गया ,जिराफ शेर के इस इरादे से अनभिज्ञ था वह मस्ती में विचरन कर रहा था और पेड़ो की पत्तियों को खा रहा था शेर उसकी तरफ पूरी स्पीड से दौड़ा , जबतक जिराफ ने शेर को देखा शेर उसके पास आ गया शेर ने उसपर हमला बोल दिया जिराफ अपना बचाव करने के लिए भागा शेर जिराफ की गर्दन पकड़ने की कोशिश कर रहा था लेकिन जिराफ की गर्दन उसकी पकड़ में नही आ रही थी, शेर कितना भी उझलाता जिराफ की गर्दन तक नही पहुँचता शेर ने एक बार दोनो पिछली टाँगों पर खड़े हो कर के जम्प लिया और उस की गर्दन तक पहुँचा ही था कि रनिंग पोजीशन में ही जिराफ ने अपनी अगली दोनों टाँगो से उस पर वार कर दिया जिससे शेर का ये हमला बेकार चला गया
शेरनी – ( मन में ) लगता है उनकी सारी मेनहत बेकार जाएगी मुझे भी जाना चाहिए ये सोच कर शेरनी भी जिराफ की तरफ भागी और पलक झपकते ही पहुँच गई , जिराफ अपनी फुल स्पीड मे भागा और इन की पकड़ से दूर निकल गया
शेर – आज का दिन ही ख़राब है पहला ही शिकार हाथ से निकल गया
शेरनी –क्या हुआ वह नही पकड़ में आया तो , देखा नही कितनी तेजी से दौड़ते हुए भी उसने अपनी टाँगो से तुम पर हमला किया तुम को ज्यादे चोट तो नहीं लगी
शेर – नही कुछ खास नही लगी ,
शेर की नजर भैंसों की झुण्ड पर गई शेर ने शेरनी से कहा – “ देखो हम भैंसों का शिकर करते है
शेरनी – लेकिन उसके लिए तो हमको इंतजार करना होगा जब तक की कोई भैंसा अपने झुण्ड से अलग नही हो जाता
शेर – नही हम इंतजार नही करेंगे हम उने झुण्ड पर हमला कर देंगे
शेरनी – नही ऐसा करना मूर्खता होगी किसी की भी सींघ से हमे चोट लग सकती है
शेर – हमारे हमला करते ही उनके झुण्ड में भगदड़ मच जाएगी जो भैंसा अकेला पड़ेगा उसका हम शिकार करेंगे
शेर की बात शेरनी को माननी पड़ी दोनो ने तय किया की शेर भैंसों के झुण्ड पर हमला करेगा और शेरनी जो भी भैंसे झुण्ड से अलग होगा उसे रोक के रखेगी फिर दोनों मिल कर उसका शिकार करेंगे, और शेर ने जैसा सोच वैसा ही हुआ शेर के हमला करते ही झुण्ड में भगदड़ मच गई सब भागने लगे एक भैंसा अकेला पड़ गया जिसे शेरनी ने घेर लिया शेर ने भी बहुत तेज दौड़ लगाई और क्षण भर में भैंसे के पास आ गया जिसे शेरनी ने घेर रखा था , शेर ने आते ही भैंसे की थुथने जिससे वह शेर पर हमला करने की सोच रहा था उस पर अपनी दोनों टाँगे रख कर उसकी गर्दन को झुकाने लगा उसको नीचे गिराने का प्रयास करने लगा , भैंसे ने थोड़े प्रयास से अपनी गर्दन छुड़ा ली , उसके बाद शेर और शेरनी दोनों ने भैंसे को पीछे से पकड़ा और उसके ऊपर चढ़ने की कोशिश करने लगे कुछ देर में ही शेर भैंसे के ऊपर पीछे से चढ़ गया और उसकी गर्दन को पकड़ने की कोशिश करने लगा कुछ देर तक प्रयास करने के बाद शेर ने भैंसे को छोड़ दिया भैंसा शेर की चंगुल से छूटते ही भाग गया
शेरनी – उसे छोड़ क्यों दिया
शेर ने शेरनी को अपनी टाँगे दिखाई शेर शेरनी से- “ उने खुरो से शायद मुझे चोट लग गई है और उनकी सिंघो से भीं मुझे चोट आई है मुझे उस भैंसे के शिकार में दिक्कत हो रही थी इसलिए उसे जाने दिया
शेरनी – मै तो पहले ही कह रही थी झुण्ड पर हमला करना सही नही लेकिन तुम तो पूरा उनके झुण्ड में ही घुस गए थे
शेरनी को इम्प्रेश करने का चक्कर शेर को आज महँगा पड़ गया
शेरनी – कोई बात नही आज छोड़ो कल कोई शिकार करेंगे आज का दिन ठीक नही है
शेर – – कोई बात नही तुम निराश मत हो हमने अपना समय दिया पूरी मेनहत की लेकिन हम शिकार नही कर पाए, समय देने के बाद भी सफलता नही मिली तो हमे धैर्य से काम लेना होगा अब हम रात में भैंसो के झुण्ड पर हमला करेंगे इस बार हम सफल होंगे, अगर तुम्हारी बात मैंने मानी होती और भैंसे के झुण्ड से अलग होने का इंतजार किया होता तो हमे भोजन भी मिल गया होता और मुझे चोट भी नही आती
शेर और शेरनी ने रात होने का इंतजार किया और भैंसो के झुण्ड के पास की झाड़ियो में घात लगा कर बैठे गए जब रात हो गई तो शेर ने झुण्ड पर हमला बोला शेर की दहाड़ से झुण्ड में एक बार फिर भगदड़ मच गई लेकिन शेर ने इस बार कोई रिस्क नही लिया और उसने बहुत ही आसानी से शिकार किया वह भैंसों के झुण्ड के बीचो बीच नही गया बल्कि भैंसे के झुण्ड से अलग होने का इंतजार किया , उस झुण्ड से जो भैंसा अलग हुआ उसका शिकार किया
शेरनी – सच में समय देने के साथ साथ धैर्य से काम लेने से इतनी असफलताओं के बाद भी एक अच्छा शिकार कर पाए है ,आज हमे इस बात का भी एहसास हो रहा है कि इंतजार का फल कितना स्वादिष्ट होता है आज के अंतिम शिकार के लिए हमने जो इंतजार किया है यह उसी का स्वाद है ।
कहानी से शिक्षा
समय के साथ साथ हम अगर धैर्य को भी धारण करे तो बड़े से बड़ा लक्ष्य भी प्राप्त कर सकते है वह भी आसानी से , जब हमने अपना समय दिया है किसी भी कार्य में तो हमको उसके अच्छे परिणाम के लिए धैर्य से काम लेना चाहिए !
Writer
प्रभाकर
सफलता के लिए समय के साथ साथ धैर्य भी जरुरी |Patient Can Find Anything A Inspirational Story In Hindi” आपको कैसी लगी कृपया नीचे कमेंट के माध्यम से हमें बताएं । यदि कहानी पसंद आई हो तो कृपया इसे Share जरूर करें !
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