सुनील दत्त की जीवनी और उनसे जुड़े बेहद रोचक तथ्य

Sunil Dutt Biography And Life History in Hindi

फिल्म अभिनेता और राजनीतिज्ञ सुनील दत्त की जीवनी या जीवन परिचय और उनसे जुड़े बेहद रोचक तथ्य | Sunil Dutt biography and life history in hindi

वास्तविक नाम: बलराज दत्त
जन्म: 6 जून 1929
स्थान: झेलम खुर्द, पंजाब (अब पाकिस्तान में)
शिक्षा : स्नातक, जयहिंद कालेज
पत्नी: नरगिस
बच्चे: संजय दत्त, प्रिया दत्त, नम्रता दत्त
व्यवसाय: अभिनेता, फिल्म निर्माता व निर्देशक, सांसद
धर्म: हिन्दू
राष्ट्रीयता: भारतीय
पहली फिल्म: रेलवे स्टेशन (1955)
प्रमुख फिल्में: रेलवे प्लेटफार्म, मदर इंडिया, वक्त, पड़ोसन हमराज, मेरा साया
पद: कैबिनेट मन्त्री (2004 – 2005)
सम्मान: पद्मश्री (1968)
मृत्यु: 25 मई 2005, बांदरा पश्चिम, मुम्बई, महाराष्ट्र

सुनील दत्त का जन्म 6 जून 1929 में, पंजाबी प्रान्त के झेलम ज़िले के खुर्द नामक गांव में  हुआ था जो अब पाकिस्तान में है ।आपका वास्तविक नाम “बलराज दत्त” है । सन 1947 में मिली आजादी के बाद भारत पाकिस्तान बंटवारे में आपका परिवार भारत आ गया । सुनील दत्त ने मुंबई के जयहिंद कालेज से स्नातक के बाद अपनी आजीविका चलाने के लिए बस कंडक्टर का भी काम किया । 

आपने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत 1955 मे बनी फिल्म “रेलवे प्लेटफार्म” से की । वहीं सन 1957 मे आयी फिल्म “मदर इंडिया” न सिर्फ उनके फिल्मी करियर में बल्की उनके पर्सनल लाइफ में भी महत्वपूर्ण परिवर्तन लाने की वजह बनी । इस फिल्म में मिली सफलता ने जहां एक तरफ सुनील दत्त को उनके फिल्मी करियर की बुलंदियों पर पहुंचा दिया वहीं इस फिल्म की शूटिंग के दौरान लगी आग में सुनील दत्त ने अभिनेत्री नरगिस को बचाने में, अपनी ख़ुद की जान की भी परवाह नहीं की जिसके कारण वे बुरी तरह जल गए जिसका पुरस्कार उन्हें 11 मार्च सन 1958 में नरगिस को अपनी धर्मपत्नी के रूप में प्राप्त करके मिला ।


फिल्मों में सफल अभिनेता के साथ-साथ आपने फिल्म निर्माता एवं सफल निर्देशक की की भी भूमिका निभाई । इतना ही नहीं आपने फिल्म जगत के साथ-साथ राजनीति में भी काफी सफलताएं हासिल की ।
सुनील दत्त ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत सन 1984 में मुम्बई के उत्तर पश्चिम, लोक सभा सीट से की, जहां उन्हें जबरदस्त सफलता मिली और इस प्रकार उन्हें कांग्रेस पार्टी से बतौर सांसद, देश के उच्च सदन अर्थात संसद भवन पहुंचने का सौभाग्य प्राप्त हुआ । उन्होंने अपने फिल्मी करियर की तरह ही अपने राजनीतिक करियर में भी जनता का दिल जीतने में कामयाबी हासिल की और इसप्रकार वे एक दो बार नहीं बल्कि लगातार पाँच-पाँच बार सांसदी जीतने में सफल रहे ।

यूपीए के अपने पहले कार्यकाल में प्रधानमंत्री श्री मनमोहन सिंह की सरकार में आपने खेल विभाग में कैबिनेट मंत्री का पद भी संभाला । 25 मई सन 2005 में मुम्बई के बांदरा, स्थित अपने निवास पर आपने अपनी अन्तिम सांस ली । ह्रदय गति रूकने  (Hard attack) से  उनकी मृत्यु हुई तत्पश्चात उनकी बड़ी बेटी प्रिया दत्त ने अपने पिता का नाम रोशन करते हुए इस सीट पर पुनः कब्जा जमाने और लोगों का प्यार पाने में सफलता हासिल की । सुनील दत्त को सन 1968 में पद्मश्री सम्मान से सम्मानित किया गया ।

प्रमुख फिल्में:
मदर इंडिया (1957), मुझे जीने दो (1963), गुमराह (1963), वक़्त (1965), खानदान (1965), पड़ोसन (1967) और हमराज़ (1967), पड़ोसन (1967) 
प्रमुख पुरस्कार:
  • सन 1964 में मुझे जीने दो के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेता  का फिल्मफेयर पुरस्कार 
  • सन 1966 में खानदान के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेता  का फिल्मफेयर पुरस्कार 
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Karan Mishra

करन मिश्रा को प्रारंभ से ही गीत संगीत में काफी रुचि रही है । आपको शायरी, कविताएं एवं‌‌ गीत लिखने का भी बहुत शौक है । आपको अपने निजी जीवन में मिले अनुभवों के आधार पर प्रेरणादायक विचार एवं कहानियां लिखना काफी पसंद है । करन अपनी कविताओं एवं विचारों के माध्यम से पाठको, विशेषकर युवाओं को प्रेरित करने का प्रयत्न करते हैं ।

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