Health Significance Best Motivation Short Story In Hindi
मोहित के पिता गांव के प्राथमिक विद्यालय में हेड मास्टर थे । वे मोहित को भी अपनी तरह ही शिक्षक बनाना चाहते थे परंतु मोहित का सपना एक अच्छी नौकरी पाने का नहीं बल्कि व्यवसाय के माध्यम से अपना भविष्य सवारना था ।
ऐसे में आठवीं की शिक्षा पूरी करते-करते उसने स्कूली दुनिया को अलविदा कह दिया । पिता को यह बात बहुत नागवार गुजरी । उसने मोहित को जमकर फटकार लगाई
परंतु मोहित पढ़ाई लिखाई की दुनिया में वापिस, जाना ही नहीं चाहता था इसलिए उसने पिता को अपनी इच्छाएं बताते हुए उनसे कुछ पैसों की मांग की किन्तु नाराज पिता ने बेटे को व्यवसाय मे किसा प्रकार का सहयोग करने से साफ मना कर दिया । तब मजबूरन मोहित ने माँ से मदद मांगी ।
हर माँ की तरह रूकमणी अपने बेटे की भावनाओं को भलीभाँति समझती थी उसके पास ज्यादा पैसे तो नही थे परंतु बेटे की हर संभव मदद को तत्पर रूकमणी ने अपने पास जमा सारे पैसे मोहित को दे दिए
मां से बड़ी मदद की आश लगाए मोहित का चेहरा इतने कम पैसों को देखकर फीका पड़ जाता है । वह माँ से कहता है
“माँ ये तो केवल 1000 रुपये है । इतने कम पैसों में भला कौन सा व्यवसाय होगा माँ”
तब माँ ने कहा
“अब ये सब मुझे नहीं पता यदि पैसे कम है तो तू एक काम कर शहर अपने मामा के पास चला जा हो सकता है कि वो तुम्हारी कुछ मदद कर सकें”
मोहित के मामा शहर स्थित फैक्ट्री में दैनिक मजदूर का काम करते हैं । माँ की बातों को मानकर मोहित अपने मामा के पास शहर चला गया । फैक्ट्री पहुंचकर मोहित ने वहां बेहद सस्ते और जुगाड़ से बनने वाले लालटेन को देखा । जिसकी कीमत मात्र ₹10 थी । जबकि उसके गांव के पास लगने वाली हाट की बाजार में लालटेन की कीमत 50 से ₹70 थी ।
ऐसे में मोहित को वह लालटेन बहुत पसंद आई । उसने माँ के दिए हुए ₹1000 को खर्च करके सौ लालटेन खरीद ली और उसे लेकर गांव वापस लौट आया । उसने गांव में घूम-घूम कर सारे लालटेन ₹30 के भाव बेचना शुरू कर दिया । इतना सस्ता लालटेन गांव वालों ने हाथों हाथ खरीद लिया और उसके सारे लालटेन देखते ही देखते बिक गए ।
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इस तरह से उसने ₹2000 की पूंजी इकट्ठा कर ली । मोहित को यह काम भा गया । उसने अब अपने मामा की फैक्ट्री से लालटेन खरीदने और फिर उसे अपने व आस-पड़ोस के गांवो बेचने को ही अपना लक्ष्य बना लिया ।
धीरे-धीरे उसने कपड़े, बर्तन एवं अन्य सामान भी गांव वालों को बेचकर ठीक-ठाक पूंजी इकट्ठा कर ली यद्यपि बेटे का आठवीं पास होना पिता को अखरता रहा परंतु फिर भी व्यवसाय में बेटे को लगातार मिलती सफलताओं को देखकर पिता खुशी से गदगद हो रहे थे । हमारी लेटेस्ट (नई) कहानियों को, Email मे प्राप्त करें. It’s Free !
देखते ही देखते मोहित क्षेत्र का बड़ा व्यवसायी बन बैठा जिसके चलते आज उसके पास ऐसो आराम के हर संसाधन मौजूद है हालांकि उसे अब सांस लेने की फुर्सत नहीं है । चाहे सुबह का नाश्ता हो या दोपहर का भोजन, ये सब वो चलती गाड़ियों में ही करता है । उसके पास तो अपने बीवी बच्चों के पास भी बैठने की फुर्सत नहीं है ।
परंतु वक्त करवट बदलता है और मोहित कई बीमारियों से ग्रस्त हो जाता है । आज मोहित का जन्मदिन है इस अवसर पर खाने पीने की हर एक चीज मौजूद है परंतु मोहित का कुछ खाना तो दूर की बात है वह तो अब पानी भी ज्यादा नहीं पी सकता । बीमारियों के कारण खाने पीने की हर चीज पर पाबंदी है । मोहित सफलता के शीर्ष पर तो पहुंच गया है परंतु इन बीमारियों ने उसकी जीत का मजा कुछ फीका कर दिया ।
हालांकि इतनी सारी बीमारियां उसे एक दिन में नहीं मिली असल में व्यवसाय चमकाने मे लगे मोहित ने व्यवसाय को सर्वप्रथम एवं स्वास्थ्य को सबसे आखिर में लिया ।
उसकी जिंदगी इतनी व्यस्त हो चुकी थी कि वह अपने स्वास्थ्य पर कभी ध्यान ही नहीं दे पाया और इसी भागम भाग में मोहित को ढेर सारी बीमारियां ने जकड़ लेती है । हालांकि डॉक्टरों ने उसे बार-बार चेताया । मगर हर बार मोहित का वही जवाब होता क्या करें डॉक्टर साहब खुद के लिए समय ही नहीं मिलता ।
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कहानी से शिक्षा | Moral Of This Best Inspirational Story In Hindi
दोस्तों क्या आप भी अपने निजी जिन्दगी मे मोहित का किरदार अदा कर रहे हैं तो संभल जाए । वैसे तो स्वास्थ्य की अहमियत को हर कोई भलीभाँति जानता है और उसे बेहतर बनाने का plan भी करता है परंतु समस्या वही common है कि इन सबके लिए समय कहां से लाए ।
अब चूँकि स्वास्थ हमारा आखरी गोल है तो स्वाभाविक सी बात है कि सारे काम निपट जाने के बाद ही इसके लिए समय निकाला जा सकता है और जो कभी मुमकिन नही ।
इसलिए यदा आपको अपने स्वास्थ्य की चिंता है तो स्वास्थ्य को first priority दीजिए । सुबह उठकर पहला काम अपने स्वास्थ्य को बेहतरीन बनाए रखने के लिए कुछ नियमित प्रयास करना है क्योंकि जीवन मे सफलता तो बहुत आवश्यक है परंतु सफलता पाने के बाद उसे ठीक से celebrate करने के लिए हमारा fit रहना बेहद जरूरी है।