मजबूत इरादों से मिलती है सफलता प्रेरक कहानी | Inspirational Story In Hindi
जब यह बात कुलवंत को पता चली तो वह भी इस प्रतियोगिता में हिस्सा लेने की सोचने लगा परंतु इसके लिए उसे खुद को कॉलेज में बाकी बच्चों से बेहतर साबित करने की आवश्यकता थी ।
ऐसे में विद्यालय ने कुलवंत को बॉक्सर के रूप में अपने खिलाड़ियों की लिस्ट में शामिल कर लिया । कुछ ही दिनों में प्रतियोगिता आरंभ होनी थी । कुलवंत को भी इस प्रतियोगिता में अपना भविष्य नजर आ रहा था । उसने कैंप जाने की सारी तैयारियां कर ली ।
एक दिन जब उसकी बातचीत कैंप में आए दूसरे विद्यालयों के बॉक्सरों से हो रही थी और वे उसे चैंपियन कहने से नहीं थक रहे थे । तभी वहां खड़े एक शख्स ने जो कहा उसे सुनकर सब चौक गए ।
उस शख्स की बाते सबको मनगढ़ंत कृति लग रहीं थी
मेरा मतलब है कि आज तक की सभी बॉक्सिंग प्रतियोगिता में यहीं के छात्र अव्वल आते हैं । दूसरे विद्यालय के छात्र चाहे कितनी गुणी क्यों न हो वे कभी उनके सामने ज्यादा देर टिक नहीं पाते और आखिरकार उन्हें असफलता का मुंह देखना पड़ता है ।
“तुम आत्मविश्वास में कुछ ज्यादा ही बोल रहे हो । तुम्हारा यह आत्मविश्वास तुम्हारे किसी काम नहीं आएगा मुझे यकीन है कि हर बार की तरह इस बार भी यह चैंपियनशिप उन्हीं के हाथ आएगी । तुम्हारे हाथ कुछ भी नहीं आएगा”
कुलवंत उसकी बातों को सुनकर झल्ला गया और उसने उससे जीतने की शर्त रख दी ।
“आखिर मैट्रिक स्तर के छोटे-छोटे बच्चे 12वीं के होनहार खिलाड़ियों को हर बार कैसे मात दे सकते हैं ?”
ऐसे में कुलवंत ने अपनी मेहनत और तेज कर दी । वह अब बॉक्सरों से गप्पे लड़ाने में अपना समय बर्बाद न करते हुए दिन रात प्रतियोगिता की तैयारी करने में जुट गया ।
कुलवंत का दावा सभी को याद था । इतिहास बदलते आज सभी अपनी आंखों से देखना चाहते थे । रिंग में दोनों खिलाड़ी पहुंच चुके थे । भारी भीड़ ने काफी शोर पैदा कर रखा था ।
इस शोर-शराबे के बीच कुलवंत ने जैसे ही सामने वाले खिलाड़ी की तरफ निगाह डाली उसके चेहरे पर हल्की सी मुस्कुराहट आ गई । उसने विराट विद्यालय के खिलाड़ियों के बारे में जैसा सोचा था वे बिल्कुल वैसे ही थे । जिनको देखकर आसानी से अनुमान लगाया जा सकता था कि वह उसका पहला ही मुक्का बर्दाश्त नही कर पायेगा और जमीन पर मुंह के बल गिर जाएगे ।
उन्हें देखकर कुलवंत को अपनी जीत पर पूर्णता विश्वास हो गया । थोड़ी ही देर में दोनों के बीच मैच प्रारंभ हो गया । दोनों खिलाड़ियों ने एक-दूसरे पर वार करना शुरू कर दिया । शुरु शुरु में तो सामने वाले खिलाड़ी ने कुलवंत को जमकर छकाया ।
परंतु कुलवंत को इन सब बातों से कोई फर्क नहीं पड़ने वाला था । उसने सामने वाले खिलाड़ी पर प्रहार करना नहीं छोड़ा । काफी देर तक दोनों के बीच जबरदस्त संघर्ष चलता रहा । अब दोनों काफी थक चुके थे । परंतु जीतने की इच्छा दोनों में प्रबल थी । काफी देर चले मैच के बाद धीरे-धीरे कुलवंत सामने वाले खिलाड़ी पर हावी होने लगा ।
मगर कमाल की बात यह थी कि इतने लंबे चले मैच से किसी को ऊबन नहीं हुई बल्कि उनका सारा ध्यान उन दो खिलाड़ियों पर ही टिका रहा । एक समय आया जब विराट विद्यालय का बॉक्सर कुलवंत के एक जबरदस्त प्रहार से जमीन पर गिर गया और काफी देर तक नहीं उठा । तब सब ने यह मान लिया कि इस बार का बॉक्सर चैंपियन कुलवंत ही है मगर कुछ ही क्षण बाद सामने वाला बॉक्सर फिर उठ खड़ा हुआ यह दृश्य मैच के दौरान कई बार देखने को मिला ।
अगले दिन जब कैंप के सभी लड़के अपने अपने विद्यालयों द्वारा आयी बसों में बैठकर घर वापस जा रहे थे । तभी कुलवंत चुपचाप बस से थोड़ी दूर एक पेड़ के नीचे बैठ अपनी हार की समीक्षा कर रहा था । थोड़ी ही देर में उसके सामने विराट विद्यालय की बस खड़ी हुई । जिसमें विराट विद्यालय के सारे बच्चे चढ़ने लगे । तब कुलवंत बस के पास आकर उस बॉक्सर की तरफ हाथ बढ़ाया । बॉक्सर ने भी उसे सम्मान देते हुए न सिर्फ उससे हाथ मिलाया बल्कि उसे गले भी लगाया ।
“मैं जानना चाहता हूँ” कि आखिर ऐसी क्या बात है ? आखिर तुम्हें ऐसा क्या सिखाया जाता है ? जिसके कारण सफलता का सेहरा सिर्फ तुम्हारे ही विद्यालय के सर बधता है कुलवंत की ऐसी बातों को सुनकर विराट विद्यालय के छात्र ने मुस्कुराते हुए कुलवंत को बताया कि
हमारे विद्यालय में हमें सिर्फ तीन ही बातें सिखाई जाती हैं
बॉक्सर ने आगे बताया कि हमे सिर्फ इन तीन बातों पर ही फोकस करना सिखाया जाता है । इसके सिवा अन्य कहीं भी अपना ध्यान केंद्रित मत करो ।
इस कहानी से हमें क्या शिक्षा मिलती है | Moral Of This Inspirational Hindi Story
लक्ष्य की प्राप्ति के लिए हमें आत्मविश्वास, सकारात्मकता के साथ तब तक प्रयासरत रहने की जरूरत है जब तक की हम अपने मकसद मे कामयाब न हो जाए !
अक्सर हम अपने आसपास जब किसी को कामयाब होते देखते हैं तो उससे अपनी तुलना करने लगते हैं । कभी-कभी हम इस तुलना में खुद को बेहतर पाते हैं । मगर फिर भी उसके जैसी सफलता हमें हासिल क्यों नहीं हो सकी इस बात का जवाब हम निरंतर ढूंढते रहते हैं । मगर हमें उसका जवाब नहीं मिल पाता है कि दो समान योग्यता वाले व्यक्तियों में हो सकता है कि सफलता किसी एक को ही प्राप्त हो और दूसरा सफलता से मिलो दूर रह जाए । इसका मुख्य कारण उसका दृढ़ता से किया गया प्रयास हो सकता है अर्थात प्रयास तब तक किया जाए जब तक उसमें सफलता न मिल जाए । ऐसी स्थिति में सफलता मिलना तय है । उसकी सफलता को कोई नहीं रोक सकता । कई बार लोग थोड़े प्रयासों के बाद ही निराश हो जाते हैं और प्रयास करना छोड़ देते हैं या फिर उस ढंग से प्रयास नहीं करते हैं जैसा वे पहले कर रहे थे । मुश्किल लक्ष्य मैं यह जरूरी है कि हम
लक्ष्य की प्राप्ति तक अपने आत्मविश्वास को बनाए रखें । लक्ष्य के प्रति सदैव सकारात्मक रहें एवं तब तक प्रयास करना न छोड़ें जब तक हमें सफलता मिल न जाए ।
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