मैं जिंदा हूं बस एक नजर के लिए‌ | शायरी | करन मिश्रा

याद आती है वो पर वो आती नहीं, उससे मिलने की आस दिल से जाती नहीं। मैं जिंदा हूं बस एक नजर के लिए, नजर आती नहीं जान जाती नहीं। Yaad Aati Hai Vo Par Vo Aati Nahi, Usase Milane Ki Aas Dil Se Jati Nahi. Mai Jinda Hun Bas Ek Nazar Ke Liye, Nazar […]

मैं लिखता कुछ और हूं लिखा कुछ और जाता है । करन मिश्रा । शायरी

मैं लिखता कुछ और हूं लिखा कुछ और जाता है, करुं ना करूं जिक्र उसका हो ही जाता है। हर तरफ बिखरी हुई है खुशबू उसके आंचल की, गर मै सांस भी लेता हूं तो वो महक ही जाता है. Mai likhata kuchh aur hun likha kuchh aur jata hai, Karun na karun jikra uska […]

हमारे तुम नहीं होते, तुम्हारे हम नहीं होते । करन‌ मिश्रा । शायरी

हमारे तुम नहीं होते, तुम्हारे हम नहीं होते, खुदा जो साथ ना देता तो ये मंजर नहीं होते । दुआओं में हमेशा हमने बस तुमको ही मांगा था, दुआ खाली जो रह जाती तो हम तुम संग नही ।

ये जरूरी नहीं की मरे और जान‌ निकले ही | करन‌ मिश्रा | शायरी

ये जरूरी नहीं की मरे और जान‌ निकले ही, कईबार लाशें बनकर भी‌‌‌ जीना पड़ता है. ये जरूरी नहीं की रोयें और अश्क छलके ही, कईबार अश्कों को पीकर भी‌‌‌ हसना पड़ता है. Ye jaruri nahi ki mare aur jaan nikale hi, Kae bar Lashen bankar bhi jeena padata hai. Ye jaruri nahi ki roye […]

तेरी जादू में वो पहले जैसा असर नही | करन मिश्रा | शायरी

अब पहले जैसा वो मंज़र नही, तेरी आँखों में वो‌‌ जंतरमंतर नही. जिसके जादू में फसकर बन गया था दीवाना कभी, तेरी जादू में वो पहले जैसा असर नही. Ab pahle jaisaa vo manjar nahi, Teri aakho me vo jantar mantar nahi. Jiske jadu me faskar bangaya tha diwana kabi, Teri jadu me vo pahale […]

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