होली का दिन सभी के लिए खुशियों का दिन होता हैं मगर सुनीता के लिये ये महज एक त्यौहार था। वह दोनों बेटीयों कि खुशी के लिये सारी तैयारी कर रही थी । वह रंगो से कोसो दूर रहती उसे रंग पसन्द नही थे, उसे भी होली बहुत पसन्द थी लेकिन आज समय उसके लिये […]
आशिंक शुरू से थोड़ा मस्त मौला स्वभाव का था । उसकी यही आदतें पड़ोस में रहने वाली महक को बहुत भाती थी। धीरे-धीरे दोनों में प्यार हो गया और फिर प्यार का इकरार भी हो गया । दोनों तालाब के किनारे एक दूसरे के साथ काफी वक्त बिताने लगे यह बात घरवालों […]
ये कहानी एक आदिवासी समूह की है ।इस आदिवासी समूह में काफी ज्यादा परस्पर प्रेम है। इस समूह में जीवन नाम का एक लड़का जो कि सपना से बहुत प्रेम करता है। सपना भी अपने होने वाले जीवनसाथी के रूप में उसे प्रेम करती है। जीवन का व्यक्तित्व बहुत ही प्रभावशाली था वह सबके प्रति […]
मां की लाख कोशिशों के बाद भी अनन्या ने किचन का काम सीखने में रुचि नहीं दिखाई उसकी मां उससे हमेशा कहती ” बेटी कुछ तो किचन का काम भी सीख ले ससुराल जाकर मायके वालों का नाक कटवाएगी क्या” पर इन बातों को सुनकर अनन्या का मूड खराब हो जाता […]
आरती की स्कूटी ख़राब हो गई रात के करीब 8 बज रहे थे , सड़क बहुत सुनसान नही थी लेकिन कोई उसकी मदद के लिये नही रुक रहा था , बहुत से लोग उसको देख कर आगे बढ़ते जा रहे थे , धीरे धीरे सड़क पर भीड़ कम होने लगी , […]
रितेश की मां जानकी देवी उसे बहुत प्यार करती रितेश भी अपनी मां को बहुत मानता स्कूल से जैसे ही वह घर आता मां के गले लिपट कर उसे ढेर सारा प्यार करता था। कुछ दिनों बाद जानकी की तबीयत काफी बिगड़ने लगती है। डॉक्टरों ने बताया कि उसे […]
आसमान मे आज घेरे मे काफी ज्यादा संख्या मे पंछी मडरा रहे है।काफी तेजी से कोई दुर्गंध फैल रही है, लोग मुहँ को कपड़े से ढकने लगे है। चारो तरफ भीड़ जमा है, आख़िर क्या हो रहा है। वहा कुछ लोग खुदाई कर रहे है।काफी तादाद मे वहा पुलिस भी खड़ी है। थोड़ी ही देर […]
मधुबाला जैसा नाम वैसी सूरत वैसी काया और बिल्कुल वैसा ही काम । घर से लड़-झगड़ के चल पड़ी, सिनेमा की चकाचौंध दुनिया मे खुद को प्रुफ करने ये जानते हुए भी कि इसमे मुश्किले कितनी है। मगर मुश्किलो से ज्यादा जिसे खुद पर यकीन हो, ऐसी ही है हमारी आज की […]
उसकी एक नजर ने ही अमित को दीवाना बना दिया था, वह बला की खूबसूरत लग रही थी बारीश मे भीगी हुई, बारीश के पानी ने उसे सर से पाँव तक भीगो दिया था ,उसके गालो पर लिपटी उसकी जुल्फे किसी को भी दिवाना बनाने के लिये काफी थी , आज सच में सभी […]
मुकेश के पिता रंजीत काफी दिनों से बीमार चल रहे थे, बीमार पिता की देखभाल की पूरी जिम्मेदारी मुकेश पर थी । माँ के चले जाने के बाद दोनों के बीच एक बाप-बेटे से विपरीत दोस्त जैसा रिश्ता था। मुकेश अपनी जिम्मेदारीयो को बखूबी जानता था, वह अपनी जिम्मेदारियों से न घबराने […]