रिश्तों मे विश्वास बनाए रखें कहानी | Story On Faith And Relationships
घर में हर तरफ खुशियों का ही माहौल है । सुबह से ही रिश्तेदारों के आने का सिलसिला लगा हुआ है । बुआ, मौसी, मामी सभी के सभी आज जसवंत के घर पहुंचे हुए है । आज जसवंत की इकलौती बिटिया का तिलक जाने को है । तिलक की सारी तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी हैं । अब तो सिर्फ सबके निकलने का वक्त हो रहा है अचानक तभी सबका ध्यान जसवंत के बड़े बेटे मनोहर पर जाता है ।
“देखो बेटा हम सब तुम्हारे ससुराल मे तुम्हारी स्थिति को भली भांति जानते हैं हम जानते हैं कि वहां तुम्हारा कोई सगा नहीं सिवाय मनोहर के सबके सब तुमसे बस पिंड छुड़ाना चाहते हैं । तुम वहां सब की आंखों में गड़ती हो इसलिए वहां सब के सब बस तुम्हें किसी न किसी तरह से नुकसान पहुंचाने का मौका तलाशने मे लगे रहते हैं । मुझे डर है कि मौका मिलने पर वे तुम्हारी कीमती चीजों पर भी हाथ साफ करना चाहेंगे । ऐसे में मैं समझती हूँ कि तुम्हें अपने गहनों को यहीं रख जाना चाहिए ताकि वे हमेशा यहां सुरक्षित पड़े रहें और फिर तुम जब चाहे उनका उपयोग कर सकती हो”
“तो तुम कहना क्या चाहती हो, यही कि तुम्हारे गहने हमने रख लिए । तुम्हे पाल-पोश के इसलिए बड़ा किया था कि तुम हमे ये दिन दिखाओगी ? पहले तो भाग कर शादी की हमे कहीं मुँह दिखाने लायक नही छोड़ा । भागने से पहले क्या एकबार भी सोचा कि तुम्हारे बाद तुम्हारी दो-दो छोटी बहनों का क्या होगा ? उनसे शादी कौन करेगा ? और यह दिन दिखाने के बाद अब तुम हमे चोर बनाने चली हो निकल जाओ इस घर से”
“नहीं नहीं माँ मेरा ये मतलब बिल्कुल नहीं था मैंने ऐसा कब कहा, मैं तो बस गहनों के गायब होने की बात आपसे बता रही थी”
वह सोचने लगी कि जब मनोहर को उसे बिना बताए कीमती गहनों को मायके में इतने दिनों से रखे रहने एवं मायके द्वारा ही उसे ठगे जाने की बात पता चलेगी तब उसके प्रति मनोहर का रवैया क्या होगा ? वह उसके साथ क्या करेगा ? ऐसे ही ढेरों सवाल मनोहर की पत्नी के मन में गूंज रहे थे । जिसका उसे कोई जवाब नहीं सूझ रहा था । वह इन सवालो से इतना परेशान होकर वही थोड़ी ही दूर पर एक पेड़ के नीचे बैठ गई ।
जिसमें उसने अपने साथ हुए हादसे की जानकारी अपने पति को दी थी । उसने बताया था कि किस प्रकार, मनोहर द्वारा बनवाए गहनों को उसके मायके वालों ने विश्वासघात के द्वारा चुरा लिया । अब उसके पास कुछ भी नहीं बचा है आगे खत में उसने अपने पति के मना किए जाने के बावजूद मायके आने के लिए माफी मांगी थी साथ ही उसने अपने मन के डर को इस खत के माध्यम से साझा किया था । जिसमें उसने लिखा था कि तब उसकी प्रतिक्रिया क्या होगी जब उसे पता चलेगा कि उसके द्वारा बनवाए गए सारे गहनों को उसकी पत्नी ने ऐसे बिना बताए काफी दिनों से मायके में रख छोड़ा था और जिसे ठगी के द्वारा उसी के मायके वालों ने उससे छीन लिया खत के आखिर में मनोहर की पत्नी ने मनोहर और इस जिंदगी को सदा के लिए अलविदा लिखा था ।
मनोहर को समझ आने लगा कि उसे पत्नी के साथ कम्युनिकेशन बनाए रखना चाहिए था यदि उसने अपनी पत्नी को अपनेपन का एहसास कराता रहा होता तो आज यह नौबत शायद नहीं आती क्योंकि तब वह उस मुश्किल की घड़ी मे उस पर विश्वास करके अपने साथ हुए हादसे की जानकारी उससे जरूर शेयर करती और तब शायद दोनो मिलजुल कर इस समस्या का कोई न कोई हल जरूर ढूंढ लेते उसे इस बात का कोई भय नहीं होता कि जब पति को गहने गायब होने की बात पता चलेगी तो उस समय उसका क्या प्रतिक्रिया रहेगी ।
इस कहानी से हमें क्या शिक्षा मिलती है | Moral Of This Inspirational Hindi Story
हर शिकवे गिले को भूल कर हम अपनों से जितना ज्यादा हो सके उनके करीब रहने की कोशिश करें उनसे कम्युनिकेशन बनाए रखें ताकि कोई भी मुसीबत की घड़ी में वे हमसे अपनी हर बात शेयर करें और उन्हें बड़ी से बड़ी दुर्घटनाओं से बचाया जा सके !
हम छोटी-छोटी नाराजगी को रिश्तो के बीच खटास की वजह न बनने दें जिससे हमारे अपने हमसे अपनी छोटी से छोटी परेशानी शेयर करने से न घबराए जिससे वक्त रहते हर समस्या का मिलजुल कर कोई हल निकाला जा सके और इन बड़ी दुर्घटनाओ से बचा जा सके !