धनतेरस 2019 कब है दिन मुहूर्त कहानी कथा निबंध Dhanteras 2019 In Hindi
धनतेरस का त्यौहार वर्तमान में काफी प्रचलित हो चला है इस त्यौहार के आते ही बाजारों में जगह-जगह स्टॉल लग जाते हैं । तमाम छोटी बड़ी कंपनियां नए-नए आकर्षक ऑफर देती हैं । अखबारों को अधिकतर पेज विज्ञापनों से भर जाते हैं । वही धनतेरस के खत्म होते ही सारा माहौल एकदम शांत हो जाता है । इस सब से ये पता चलता है कि धनतेरस का हमारे देश में महत्व आज कितना बढ़ चुका है । धनतेरस पर खरीदारी करना शुभ माना जाता है । इस दिन के लिए कई सारे लोग अपने बेहद जरूरी वस्तुओं को भी खरीदने से खुद को रोकके रखते है ताकि वे अपनी खरीदारी धनतेरस में कर सके ।
धनतेरस क्यों मनाया जाता है ?
हमारे देश में हर त्यौहार के पीछे कोई न कोई कथा जरुर छुपी होती है धनतेरस भी इससे अछूता नहीं है जब समुद्र मंथन हो रहा था उसी समय समुद्र से धन्वंतरि जी निकले थे उनके हाथों में अमृत रूपी कलश था । तभी से धनतेरस का त्यौहार मनाया जाता है इसके साथ ही इसे चिकित्सा दिवस के रूप मे भी मनाया जाता है क्योंकि कहा जाता है कि धन्वंतरि देवताओं के चिकित्सक हैं ।
धनतेरस कब मनाया जाता है ?
भगवान धन्वंतरि समुद्र मंथन में कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष के त्रयोदशी यानी तेरहवें दिन प्रकट हुए थे इसीलिए कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष के त्रयोदशी यानी तेरहवें दिन धनतेरस मनाया जाता है ।
धनतेरस की तिथि एवं शुभ मुहूर्त क्या है?
इस बार धनतेरस का त्यौहार 25 अक्टूबर 2019, दिन शुक्रवार को मनाया जाएगा
इसका शुभ मुहूर्त शाम 7:05 बजे से रात्रि 8:10 बजे तक का होगा
धनतेरस की पूजन विधि
सबसे पहले एक मिट्टी का दीपक जलाकर उसे घर के बाहर दक्षिण दिशा में यमराज के लिए जलाना चाहिए ऐसा करने से अकाल मृत्यु का संकट खत्म हो जाता है इसके बाद भगवान धनतेरस और माता लक्ष्मी की विधि विधान से पूजा करनी चाहिए ।
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धनतेरस के दिन दीप जलाने पर एक पौराणिक कथा है ।
एक पौराणिक कथा के अनुसार राजा हेम को भगवान की कृपा से एक पुत्र प्राप्त हुआ परंतु समस्या यह थी कि पुत्र अपने विवाह के दस दिन के बाद मृत्यु को प्राप्त हो जाएगा । इस डर से पिता ने अपने पुत्र को ऐसी जगह भेजा जिससे उसका संपर्क किसी स्त्री से न हो सके परंतु विधि के विधान को भला कौन बदल सकता है ऐसे में राजा के पुत्र को एक स्त्री से प्रेम हो गया और उसने उस से विवाह कर लिया विवाह के दसवें दिन ही उसकी मृत्यु हो गई ।
जब यमदूत उसको लेने आए तो उसकी पत्नी के विलाप को सुनकर काफी दुखी हुए परंतु उनको अपना कर्तव्य तो निभाना ही था ऐसे में वह उसे लेकर वापस यमराज के पास पहुंच गए परंतु वे बहुत दुखी थे उनके दुख को देखकर यमराज ने उनसे पूछा तब यमदूत ने उन्हें सारी बात बताई और इस अकाल मृत्यु से बचने की युक्ति भी पूछने लगे तब यमराज ने बताया कि जो व्यक्ति कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी अर्थात तेरहवें दिन घर के बाहर दक्षिण दिशा में मेरे नाम का दीप जलाएगा वह अकाल मृत्यु का संकट से सदा बचा रहेगा ।
धनवंतरी देवताओं के चिकित्सक
भगवान धनवंतरी देवताओं के चिकित्सक माने जाते हैं इसीलिए यह दिन चिकित्सकों के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण हैं इस दिन को चिकित्सक एक खास अंदाज में मनाया करते हैं
धनतेरस में क्यों करें खरीददारी एवं धनतेरस का महत्व
चूंकि भगवान धन्वंतरि इस दिन हाथों में कलश लेकर पैदा हुए थे इसलिए इस दिन खरीदारी का एक विशेष महत्व है कहा जाता है कि इस दिन खरीदारी, खास कर बर्तनों की खरीदारी जरूर करनी चाहिए । अपने सामर्थ्य के हिसाब से चांदी के सिक्के, लक्ष्मी गणेश की मूर्ति इत्यादि भी खरीदी जा सकती है । यह माना जाता है कि इस दिन खरीदारी करने से एवं लक्ष्मी जी की पूजा अर्चना करने से घर में कभी धन की कमी नहीं होगी इससे घर में धन का वास होता है इसलिए इस दिन कुछ न कुछ आप भी जरूर खरीदे ।
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