सर्वाईकल स्पोंडिलोसिस आमतौर पर एक उम्र के बाद होने वाली बीमारी है परन्तु आजकल सर्वाईकल स्पोंडिलोसिस कम के उम्र के लोगो को भी अपनी गिरफ्त मे ले रही है । जिसमें उम्र के साथ जैसे सभी हड्डियों में बदलाव आता है उसी तरह गर्दन की रीढ़ की हड्डी (सर्वाइकल स्पाइन) में बदलाव आता है । इसका सबसे बुरा परिणाम इंटर वर्टिकल डिस्कस के बीच के स्थान के घट जाने से होता है । आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी, रीढ़ की हड्डी का सही मद्रा रखने, आराम तलब जीवन शैली का उपयोग करने एवं व्यायाम न करने के कारण अन्य कारणों सर्वाईकल स्पोंडिलोसिस की समस्या बढ़ रही है । सर्वाईकल स्पोंडिलोसिस को सर्वाइकल ओस्टेयोआर्थरिटिस या सर्वाइकल ओस्टेयोआर्थोसीस भी कहा जाता है ।
सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस के लक्षण
- गर्दन में अकड़न व दर्द
- गर्दन का कम घूमाने मे परेशानी
- खड़े होने पर या सोने पर चक्कर आना
- सिर दर्द
- दोनों कंधों की नसों में दर्द
- कंधों में भारीपन महसूस होना
- हाथों का सुन्न पड़ना
सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस के कारण
- मोटे तकिए का इस्तेमाल
- काफी मोटे गद्दो का प्रयोग करना
- झुककर ज्यादा काम करना
- आराम तलब जिंदगी
- व्यायाम न करना
- रीढ़ की हड्डियों को सीधा ना रखना
- चोट लगने की वजह से
- टेढ़े-मेढ़े तरीके से बैठकर मोबाइल चलाना या TV देखना
- किसी भी कारणवश गर्दन को अक्सर एक तरफ झुकाए रखना
- विटामिन डी की कमी
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सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस का इलाज या चिकित्सा
- रोगी को ताकत तखत या फर्श पर पतला चद्दर बिछाकर सोने की सलाह दी जाती है ।
- तकिए का प्रयोग पूरी तरह बंद कर दिया जाता है ।
- रोगी को व्यायाम करने की सलाह दी जाती है ।
- सिकाई से काफी आराम मिलता है इसलिए फिजियोथेरेपी कराने की सलाह दी जाती है ।
- सूजन को खत्म करने के लिए दर्द निवारक दवाएं दी जाती है जिससे आराम मिल जाता है ।
- रोमी को विटामिन डी की गोलियां दी जाती हैं ।
- कैल्शियम इस रोग में काफी लाभदायक है ।
- रोगी को सर्वाइकल पट्टी बाधने की सलाह दी जाती है जिससे कुछ ही दिनों में आराम मिल जाता है ।
सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस के रोकथाम
- मोटे गद्दे का प्रयोग नहीं करना चाहिए ।
- तकिए का प्रयोग बिल्कुल बंद कर देना चाहिए ।
- बैठने वह खड़ा होने की स्थिति में रीढ़ की हड्डी को हमेशा सीधा रखने का प्रयास करना चाहिए ।
- काम-काज करते समय कम से कम झुकने की कोशिश करना चाहिए ।
- सोने के लिए तखत का प्रयोग करना चाहिए ।
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सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस और सर्जरी
ज्यादातर दवाइयों, परहेज एवं व्यायाम इत्यादि से सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस की समस्या खत्म हो जाती है परंतु इनसे आराम न मिलने की स्थिति में रोगी का MRI कराई जाती है जिससे स्थिति स्पष्ट हो जाती है यदि स्पाइनल कॉर्ड पर दबाव बन रहा है तो ऑपरेशन की आवश्यकता होती है जिसमे नशे खोल दी जाता है और रोगी को समस्या से निजात मिल जाता है ।
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