“काव्य ” कवि के आकुल अंतर से उद्भूत वह पुष्प होता है जो युग युगांतर तक अपनी महक से सहृदयों को आह्लादित करता रहता है!
Writer
यह कथन “डॉ बन्दना पाण्डेय जी” द्वारा रचित है । आप मधुपुर, झारखंड स्थित एम एल जी उच्च विद्यालय, में सहायक शिक्षिका हैं । आपको, कविता, कहानी और संस्मरण के माध्यम से मन की अनुभूतियों को शब्दों में पिरोना बेहद पसंद है । अपनी रचना site पर साझा करने के लिए हम उनका हृदय से आभार व्यक्त करते हैं!
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