स्मार्टफोन या मोबाइल के दुष्प्रभाव या नुकसान और इससे बचने के आसान उपाय

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मोबाइल के दुष्परिणाम व दुरुपयोग पर निबंध

दोस्तों, आज स्मार्टफोन का जमाना है । बच्चे हो या बड़े, जिसे देखिए उसी के हाथो में स्मार्टफोन है और उनमें से ज्यादातर लोग प्रतिदिन कम से कम आठ से दस घंटे मोबाइल पर एक्टिव रहते हैं जिसके ढेरो दुष्परिणाम निकल कर सामने आ रहे हैं । इन दुष्परिणामों को यदि हम समय रहते जानकर सचेत हो जाए तो बेहतर होगा तो चलिए आइए जानते हैं स्मार्टफोन के ज्यादा यूज और उनके दुष्परिणामों के बारे में

  स्मार्टफोन या मोबाइल ज्यादा चलाने के दुष्परिणाम

  • स्मार्टफोन मोबाइल चलाने वाले लोगो की आंखों में हल्का-हल्का दर्द होने लगता ।
  • आंखों में चुभन होने लगती हैं ।
  • आंखें थकी-थकी और सुस्त महसूस होती हैं ।
  • राह चलते हुए भी ऐसे व्यक्तियों को देखने में असुविधा होती है । उन्हें अक्सर लोगो के चेहरे अस्पष्ट, धुँधले या दोहरी आकृति लिए हुए दिखाई देते हैं ।
  • स्मार्टफोन का अधिक इस्तेमाल करने वाले ज्यादातर लोग अनिद्रा के शिकार हो रहे हैं जिसके कारण सर में भारीपन अथवा दर्द बने रहना बहुत आम बात है ।
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स्मार्टफोन या मोबाइल के दुष्प्रभाव से कैसे बचें 

  • जहां तक हो सके मोबाइल का उपयोग कम से करें । संभव हो तो दिन भर में अधिक से अधिक दो से तीन घंटे ही मोबाइल का प्रयोग करें ।
  • अपने मोबाइल की ब्राइटनेस को कम करें क्योंकि ब्राइटनेस ज्यादा रहने पर ये आंखों को नुकसान पहुंचाती है थोड़ी मुश्किल अवश्य होगी परंतु यदि हो सके तो घर, बाहर व कमरे के हिसाब से ब्राइटनेस की सेटिंग बदलते रहे । हाँ, परंतु इस बात का भी ध्यान रखे कि ब्राइटनेस इतना भी कम ना हो जाए कि जिससे आंखों को देखने में असुविधा हो क्योंकि कम रौशनी भी आंखों को नुकसान पहुंचा सकती है ।
  • जब हम अपने मोबाइल ब्राउजर पर कोई वेबसाइट ओपन करते हैं तो सबसे पहले हमें यह ध्यान देना चाहिए कि उस साइड पर लिखे अक्षर ‘क्या पढ़ने योग्य हैं’ अर्थात उन्हे पढने के लिए हमें अपनी आंखो पर ज्यादा जोर तो नही देना पड़ रहा । यदि “हां” तो ऐसी असुविधा की स्थिति मे उस साइट से फौरन वापस लौट आए क्योंकि छोटे अक्षरों को पढ़ना तो आसान है परंतु इसप्रकार हम धीरे-धीरे अपनी आंखों को कमजोर करते चले जाते हैं अगर आपके मोबाइल में भी अक्षरों की साइज छोटी है तो सेटिंग मे जाकर उसे बड़ा कर लें ।
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  • स्कूल या ऑफिस से घर लौटने या घरेलू कार्यो को निपटाने के बाद आराम की मुद्रा में अर्थात बेड पर लेटे-लेटे मोबाइल चलाना अच्छा लगता है परंतु इस स्थिति मे आंखो पर बोझ बढ जाता है उन्हे ज्यादा काम करना पड़ता है जिससे आंखे जल्दी कमजोर हो जाती हैं इसलिए ऐसा ना करें जहां तक हो सके बैठ कर ही मोबाइल चलाएं ।
  • स्मार्टफोन का सबसे ज्यादा मिस यूज सोशल मीडिया पर हो रहा है जहां लोग देर रात तक फेसबुक Facebook और WhatsApp आदि पर चैटिंग करते नजर आते हैं । वैसे ये भी सत्य है कि अधिकांश लोग अपने घरेलू व आफिस के कार्यो से फ्री होने के बाद अर्थात देर रात में ही सोशल साइट्स पर एक्टिव मिलते हैं परंतु उनसे चैटिंग में आप अपनी नींद मत खराब करें आप अपने सोने का वक़्त निर्धारित करें बेहतर होगा कि रात्रि भोजन से ही पहले आप अपने मोबाइल का नेट बंद कर दें ।
  • एकटक मोबाइल पर आंखे टीकाए रखना ठीक नहीं है इसलिए अपना थोड़ा ध्यान इधर-उधर की चीजों पर भी लगाए । बीच-बीच में थोड़े-थोड़े देर के लिए ब्रेक अवश्य लें ।
  • दोस्तो इन सब सावधानियों के साथ-साथ आंखों की थोड़ी एक्सरसाइज भी जरूरी है । सबसे पहले आप एक पेन को अपने हाथों में लें । अब पेन की नोक को, आंखो से थोड़ा दूर, आंखों के ठीक सामने एवं दोनो आंखों के बिल्कुल मध्य में रखे । अब पेन की नोक पर नजरें टिकाए हुए, पूरी एकाग्रता के साथ पेन को धीरे-धीरे आंखों के पास लाएं इस प्रक्रिया को कई बार दोहराएं । कुछ देर करने के बाद पेन को हाथों में लिए हुए उसे पहले अपने बायी और फिर दायी ओर से तीरक्षे, अपनी आंखों के नजदीक लाए । याद रखें इस पूरी प्रक्रिया में आप की आंखे, पेन की नोक पर टिकी होनी चाहिए । यह एक्सरसाइज आंखो के लिए बहुत लाभदायक है । इसका अभ्यास आप कभी भी कर सकते हैं ।

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Karan Mishra

करन मिश्रा को प्रारंभ से ही गीत संगीत में काफी रुचि रही है । आपको शायरी एवं कविताएं कहने का भी बहुत शौक है । आपको, अपने निजी जीवन एवं कार्य क्षेत्र में मिले अनुभवों के आधार पर प्रेरणादायक विचार एवं कहानियां लिखना काफी पसंद है । करन अपनी कविताओं एवं विचारों के माध्यम से पाठको, विशेषकर युवाओं को प्रेरित करने की कोशिश करते रहे हैं ।

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