“काव्य ” कवि के आकुल अंतर से उद्भूत वह पुष्प होता है जो युग युगांतर तक अपनी महक से सहृदयों को आह्लादित करता रहता है!
Writer
यह कथन “डॉ बन्दना पाण्डेय जी” द्वारा रचित है । आप मधुपुर, झारखंड स्थित एम एल जी उच्च विद्यालय, में सहायक शिक्षिका हैं । आपको, कविता, कहानी और संस्मरण के माध्यम से मन की अनुभूतियों को शब्दों में पिरोना बेहद पसंद है । आप द्वारा लिखी गई कहानी कैद से मुक्ति, सो गईं आँखें दास्ताँ कहते कहते , अहंकार या अपनापन व लेख “एक चिट्ठी यह भी” आपके गहरे चिंतन पर आधारित है । अपनी रचना MyNiceLine.com पर साझा करने के लिए हम उनका हृदय से आभार व्यक्त करते हैं!
यदि आप के पास कोई कहानी, शायरी , कविता , विचार, कोई जानकारी या कुछ भी ऐसा है जो आप इस वेबसाइट पर प्रकाशित करना चाहते हैं तो कृपया उसे अपने नाम और अपने फोटो के साथ हमें इस पते पर ईमेल करें:-
हम आपकी पोस्ट को, आपके नाम और आपकी फोटो (यदि आप चाहे तो) के साथ यहाँ पब्लिश करेंगे ।
आपको “काव्य पर कथन | काव्य पर सुविचार | Best Quotes On Poetry In Hindi” कैसी लगी कृपया, नीचे कमेंट के माध्यम से हमें जरूर बताएं । कथन यदि पसंद आया हो तो कृपया इसे Share जरूर करें !