देखे जिनके सपने – हिन्दी कविता | Poem in hindi

“सपने”

देखे जिनके सपने,
वो नही थे अपने ।।
उनके भी सपने न्यारे,
कदमो में चाँद सितारे ।
उम्मीद उनकी न हुई पूरी,
ये रात भी रह गई अधूरी ।
देखे जिनके सपने 
वो नही थे अपने…
कुछ पल और रुक जाते,
बात मेरी भी मान जाते ।
दामन भर देता खुशियो से,
अगर विश्वास मेरा कर पाते ।
देखे जिनके सपने, 
वो नही थे अपने ।।

  Poet :-    “Ajay Kushwaha”

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Karan Mishra

करन मिश्रा को प्रारंभ से ही गीत संगीत में काफी रुचि रही है । आपको शायरी एवं कविताएं कहने का भी बहुत शौक है । आपको, अपने निजी जीवन एवं कार्य क्षेत्र में मिले अनुभवों के आधार पर प्रेरणादायक विचार एवं कहानियां लिखना काफी पसंद है । करन अपनी कविताओं एवं विचारों के माध्यम से पाठको, विशेषकर युवाओं को प्रेरित करने की कोशिश करते रहे हैं ।

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