कामधेनु – गाय की प्रेरक कहानी | अपनों की महत्ता को जाने

अपनों के महत्व को समझाती प्रेरणादायक कहानी "कामधेनु"। गाय और बैल की लघु कथा। हमारी सफलता में अपनों के छुपे हुए रोल को बतलाती शॉर्ट इंस्पिरेशनल स्टोरी

पिछले बार हीरा (cow’s male child) को जन्म देकर लाजो ने शंभू को निराश किया था परंतु लाजो, एक बार फिर गर्भ से है शंभू को पूर्ण विश्वास है कि लाजो, इस बार उसे निराश नहीं करेगी और एक बछिया को जन्म देगी जिसे पाल-पोस कर शंभू अपने भविष्य को सुरक्षित कर सकेगा ।
वक्त बीतने के साथ ही शंभू की धड़कन भी बढ़ने लगी है । नकारात्मक विचार उसे मायूस कर रहे हैं परंतु लाजो शंभू की आशाओं पर खरा उतरते हुए एक सुंदर बछिया को जन्म देती है । शंभू बहुत खुश है । वह अपनी इस खुशी को गांव वालों से सांझा करते हुए, पूरे गांव में बूंदी के लड्डू बांटता है ।
वक्त के साथ, लाजो ने तो दुनिया को अलविदा कह दिया परंतु उससे जन्मी बछिया अब बड़ी हो चुकी है इसप्रकार जाते-जाते लाजो, शंभू के भविष्य को सुरक्षित कर गई ।

लाजो की बछिया सालों साल लगातार दूध दे रही है बस इतना ही नही उसका दूध भी बहुत ज्यादा होता है ‌‌। शंभू कामधेनु के दूध को अपनी बैलगाड़ी पर रख, रोज सुबह शहर जाता है और उसे बेचकर ढेर सारे पैसे कमाता है जिसके बल पर वह अपनी सभी जिम्मेदारियों को बख़ूबी निभा पा रहा है इसीलिए उसने बछिया का नाम कामधेनु रखा है ।

हालांकि शंभू भी कामधेनु का ऋण चुकाने के लिए प्रयत्नशील है । उसने कामधेनु के लिए घर के ठीक सामने, एक बहुत सुंदर झोपड़ा बनाया है जिसमें हवा पानी की बड़ी उत्तम व्यवस्था है । वह उसके खाने पीने का भी बहुत ख्याल रखता है, सिर्फ इतना ही नहीं कामधेनु के छींक देने मात्र से वह फौरन उसे डॉक्टर के पास लेकर जाता है ।
एक दिन जब शंभू बाजार में दूध बेचकर घर वापस लौट रहा था तभी अचानक बीच रास्ते में हीरा के पांव लड़खड़ा जाते हैं । वह जमीन पर लेट जाता है और अचेत हो जाता है । हीरा की ऐसी हालत देख शंभू बहुत घबरा जाता है । वह आस-पास के गांव वालों की मदद से उसे घर लेकर आता है । फौरन डॉक्टर साहब बुलाए जाते हैं ।
डॉक्टर साहब हीरा की तबीयत के बारे में जब शंभू से पूछते हैं तब पता चलता है कि हीरा बहुत दिनों से बीमार चल रहा था परंतु शंभू ने उसका इलाज किसी अच्छे डॉक्टर से कराने की बजाय, उसे घरेलू नुस्खों के द्वारा ठीक करने की कोशिश करता रहा । हालांकि डॉक्टर उसे बचाने का बहुत प्रयास करता है परंतु अत्यधिक बीमार हीरा आखिरकार प्राण त्याग देता है ।
हीरा के जाते ही शंभू के चेहरे की हवाइयां उड़ने लगता है उसका दिमाग काम करना बंद कर देता है परंतु तभी हिरा की पत्नी शीला उसपर सवालों की बरसात कर देती है, वह कहती है

  • अब कामधेनु का दूध तुम बाजार कैसे ले जाओगे ?
  • अन्यथा इतना सारा दूध यहां भला कौन खरीदेगा ?
  • यदि दूध नहीं बिका तो चार पैसे भी आने बंद हो जाएंगे ऐसी स्थिति में हमारी छोड़ो कामधेनु के दाने का इंतजाम कैसे होगा ?
शंभू के पास पत्नी के सवालों का कोई जवाब नहीं है वह सर पकड़ कर बैठ जाता है और हीरा को याद करने लगता है ।
हीरा ने पूरी जिंदगी तन मन से उसकी सेवा की, शंभू ने उसके नाद में जो कुछ भी डाल दिया हीरा ने निर्विरोध उसे खा लिया, शंभू ने धूप, छांव जहां भी उसे बांधा वह चुपचाप वहीं खुटे से बंधा रहा । चाहे स्वस्थ हो या  बीमारी परंतु वह शंभू की सेवा में हमेशा तत्पर रहा जिसके नाते शंभू को कभी उसकी महत्ता का एहसास ही नहीं हुआ वह यह जान ही नहीं पाया कि उसके सुखमय जीवन के पीछे हीरा का भी अहम रोल है ।

कामधेनु – गाय की प्रेरक कहानी से शिक्षा

दोस्तों आप जो भी और जैसा भी जिंदगी जी रहे हैं । उसके पीछे किसी का सपोर्ट हो सकता है । यदि आप समय से स्कूल, कॉलेज या ऑफिस जा रहे हैं तो इसके पीछे आपकी मां, बहन या आपकी पत्नी का अहम रोल हो सकता है जिसे शायद आपने अनदेखा कर रखा है । यदि आपकी स्कूल की फीस, बस का किराया समय से मिल जा रहा है तो उसके पीछे आपके पिता, भाई या किसी अन्य की, दिन रात की तपस्या हो सकती है ।

ऐसे पीलर्स जो इतनी मजबूती से हमारे साथ खड़े हैं कि जिनके रोल, जिनके महत्व का नाही हमें खुद कभी एहसास हुआ और नाही वे खुद कभी हमें इस बात का एहसास होने दिए । हमें ऐसे पीलर्स को जानना होगा, अपनी लाइफ में उनके रोल को समझना होगा । यह समझना होगा कि हमारी लाइफ चाहे जैसी भी चल रही है उसे अच्छा बनाने में किन-किन लोगों की मेहनत शामिल है । हमें उनके लिए थैंकफूल होना चाहिए । हम उनके उपकारों का मूल्य तो नहीं चुका सकते परंतु जहां तक हो सके हमें भी उनके लिए हमेशा तत्पर रहना होगा !


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Karan Mishra

करन मिश्रा को प्रारंभ से ही गीत संगीत में काफी रुचि रही है । आपको शायरी एवं कविताएं कहने का भी बहुत शौक है । आपको, अपने निजी जीवन एवं कार्य क्षेत्र में मिले अनुभवों के आधार पर प्रेरणादायक विचार एवं कहानियां लिखना काफी पसंद है । करन अपनी कविताओं एवं विचारों के माध्यम से पाठको, विशेषकर युवाओं को प्रेरित करने की कोशिश करते रहे हैं ।

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