लाजो की बछिया सालों साल लगातार दूध दे रही है बस इतना ही नही उसका दूध भी बहुत ज्यादा होता है । शंभू कामधेनु के दूध को अपनी बैलगाड़ी पर रख, रोज सुबह शहर जाता है और उसे बेचकर ढेर सारे पैसे कमाता है जिसके बल पर वह अपनी सभी जिम्मेदारियों को बख़ूबी निभा पा रहा है इसीलिए उसने बछिया का नाम कामधेनु रखा है ।
- अब कामधेनु का दूध तुम बाजार कैसे ले जाओगे ?
- अन्यथा इतना सारा दूध यहां भला कौन खरीदेगा ?
- यदि दूध नहीं बिका तो चार पैसे भी आने बंद हो जाएंगे ऐसी स्थिति में हमारी छोड़ो कामधेनु के दाने का इंतजाम कैसे होगा ?
कामधेनु – गाय की प्रेरक कहानी से शिक्षा
ऐसे पीलर्स जो इतनी मजबूती से हमारे साथ खड़े हैं कि जिनके रोल, जिनके महत्व का नाही हमें खुद कभी एहसास हुआ और नाही वे खुद कभी हमें इस बात का एहसास होने दिए । हमें ऐसे पीलर्स को जानना होगा, अपनी लाइफ में उनके रोल को समझना होगा । यह समझना होगा कि हमारी लाइफ चाहे जैसी भी चल रही है उसे अच्छा बनाने में किन-किन लोगों की मेहनत शामिल है । हमें उनके लिए थैंकफूल होना चाहिए । हम उनके उपकारों का मूल्य तो नहीं चुका सकते परंतु जहां तक हो सके हमें भी उनके लिए हमेशा तत्पर रहना होगा !
- सफलता के सूत्र
- समझदारी
- सफलता की पहली शर्त
- अपनों को कराएँ अपनेपन का एहसास बनी रहेगी रिश्तों में मिठास
- झूठ का फल
- किसी भी लक्ष्य को मुश्किल बनाने का बेहद नायाब तरीका
- जिन्दगी ना मिलेगी दोबारा : दो मेंढको की कहानी
- जान है तो जहान है
- सकारात्मकता की शक्ति
Writer
“कामधेनु – गाय की प्रेरक कहानी | अपनों की महत्ता को जाने“ आपको कैसी लगी कृपया, नीचे कमेंट के माध्यम से हमें जरूर बताएं । यदि कहानी पसंद आई हो तो कृपया इसे Share जरूर करें !