मछुआरा और उसकी पत्नी | लक्ष्य प्राप्ति के उपाय Popular Story In Hindi

Career और Business में सफलता कैसे पाएं | Story With Moral In Hindi

मछुआरे और उसकी पत्नी की प्रेरणादायक कहानी  | लक्ष्य प्राप्ति के उपाय पर कहानी popular story on fisherman and his wife in hindi

  मछुआरे परिवार में जन्मा फैजल बचपन से ही अपने पिता के साथ मछलियां पकड़ने नदी किनारे जाया करता । धीरे-धीरे वह मछलियां पकड़ने में काफी पारंगत हो गया । उसकी मछलियां पकड़ने की कला से उसके पिता काफी खुश रहते फलस्वरूप धीरे-धीरे उन्होंने अपनी सारी जिम्मेदारियां फैजल को सौंप दी । फैजल भी जिम्मेदारियां पाकर काफी खुश था । वह पिता से कहीं ज्यादा मछलियां पकड़ता जिससे उसकी आमदनी खूब होने लगी परिणामस्वरूप घर की आर्थिक स्थिति में काफी सुधार आया ।

  फैजल के साथ नदी किनारे उसका दोस्त इरफान भी मछलियां पकड़ता है । एक दिन फैजल को पता चला कि थोड़ी दूर पर स्थित नदी में काफी बड़ी-बड़ी मछलियां हैं जिसे पकड़ कर उसे भारी आमदनी हो सकती है । वह अपने दोस्त इरफान से मछलियां पकड़ने वहाँ साथ चलने को कहता है परंतु इरफान इसके लिए तैयार नहीं है । वो छोटी-छोटी मछलियों मे ही संतुष्ट है । जिसके कारण फैजल अकेले ही जाल लिए उन बड़ी मछलियों को पकड़ने निकल पड़ता है ।

  वह पूरा दिन मछलियों को पकड़ने के लिए जाल बिछाए बैठा है मगर उसकी जाल में कोई मछली नहीं फंसती वह निराश घर वापस लौट आता है । इसतरह कई दिन गुजर जाते हैं । रोज-रोज खाली हाथ लौटते फैजल को देखकर उसकी पत्नी उससे पूछ बैठते हैं

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 “क्या बात है जी आजकल घर में पैसे नहीं आ रहे हैं आपने मछलियो पकड़ना छोड़, कोई दूसरा काम तो  नही शुरू कर दिया ?”
फैजल “नहीं-नहीं ऐसी कोई बात नही है । भला एक मछुआरा, मछलियां नहीं पकड़ेगा तो और भला वह क्या करेगा । दरअसल, अब मुझे छोटी मछलियां पकड़ना ही नहीं है”
“क्या?”
(फैजल की पत्नी हैरानी भरी निगाहों से उससे पूछती है)
“हाँ, मेरा ऐसा मानना है कि अगर शिकार करना ही है तो शेर का करो इसीलिए अब मैंने  छोटी-छोटी मछलियों के पीछे भागना छोड़, बड़ी मछलियों को पकड़ने की सोची है । बस कुछ ही दिनों की बात है फिर में हमारे सारे कष्ट दूर हो जाएगें”

(फैजल अपनी पत्नी से कहता है)
  
धीरे-धीरे बहुत समय गुजर जाता हैं परन्तु कोई मछली फैजल हाथ नहीं लगती परंतु वह हिम्मत हारनेे वालों मे से नही । फैजल जानता है कि बड़े लक्ष्य तक पहुँचने के लिए धैर्य भी बड़ा रखना होता है । उसे अपने बिछाया जाल पर पूर्ण भरोसा है ।

  एक दिन जब वो जाल बिछाये मछली के फंसने का इंतजार कर रहा था तभी अचानक उसे पानी में जोर की हलचल दिखाई देती है । वह मछलियों को पकड़ने के लिए इतना  उत्साहित है कि वह फौरन पानी में छलांग लगा देता है । तभी उसे जाल में फड़फड़ाती मछली नजर आती है । वह वाकई बहुत बड़ी है इतनी बड़ी की फैजल उसे अकेले खींच के बाहर तक नहीं ला सकता । उसे देखकर वह बहुत प्रसन्न होता है ।
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“अब उसके सारे सपने सच होंगे”
(वह सोचता है) 
  मछली बार-बार जाल से बाहर निकलने की कोशिश कर रही है । वहीं फैजल मछली को जाल में समेटने की कोशिश मे लगा है परन्तु जाल थोड़ा छोटा है ऐसे में फैजल के लाख प्रयासों के बावजूद मछली का कोई न कोई सिरा जाल से बाहर रही जा रहा है । 
  थोड़ी ही देर में मौका पाकर मछली खुद को बाहर निकालने में कामयाब हो जाता है और फैजल बस  हाथ मलता रह जाता है उसकी कई दिनो की मेहनत पानी मे मिल जाती है । तभी उसके कंधे पर पीछे से कोई हाथ रखता है । वह कोई और नहीं बल्कि उसकी पत्नी तबस्सुम है । वह फैजल से कहती हैं कि हमारी लेटेस्ट (नई) कहानियों को, Email मे प्राप्त करने के लिए यहाँ क्लिक करें. It’s Free !

 “तुमने तालीम को बीच में ही छोड़ दीया जिसके कारण तुम्हारे अंदर ज्ञान तो है परंतु आधा अधूरा”
 फैजल, पत्नी से कहता है 
 “मैंने तुम्हारी बात समझी नहीं “
 “लक्ष्य बड़ा रखना, अच्छी बात है परंतु क्या तुमने आज की इस असफलता की वजह को समझा?”
(तबस्सुम फैजल से प्रश्न करती है)
 परंतु फैजल शान्त है । वह कुछ नही कहता तब तबस्सुम कहती है
  “तुमने अपना लक्ष्य तो निर्धारित कर लिया परंतु अपने लक्ष्य तक पहुंचने के लिए जरूरी संसाधनो  के बारे मे तुमने  कभी ध्यान नही दिया मेरा मतलब है कि यदि तुम बड़ी मछली को पकड़ना चाहते हो तो तुम्हारा जाल भी बड़ा होना चाहिए”
   “मगर बड़ा जाल खरीदने के लिए पैसे कहां से लाऊ”
(फैजल कहता है)
  “मैने तो तुम्हे पहले ही कहा था कि इतनी जल्दबाजी ठीक नहीं । पहले छोटी-छोटी मछलियों को पकड़कर अपना अनुभव और पूंजी  बढाओ उनसे एक बड़ा जाल खरीदो और फिर तुम बड़ी मछलियो को पकड़ने जाओ । ये कभी मत भूलो कि बिना शस्त्र के युद्ध नहीं जीते जाते । अगर बड़ी मछली पकड़नी है तो तुम्हें अपना जाल भी बड़ा रखना होगा”

कहानी से शिक्षा | Moral Of This Best Inspirational Story In Hindi 

इस कहानी से हमें दो  शिक्षा मिलती है 
बड़े लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए हमारे पास संसाधन भी बड़े होने चाहिए !

किसी भी लक्ष्य को हासिल करने के लिए जल्दबाजी ठीक नहीं उसके लिए पर्याप्त अनुभवों की भी आवश्यकता होती है !
  दोस्तों अक्सर देखा जाता है कि हम Career  या Business के क्षेत्र में अपना लक्ष्य तो बड़ा चुनते हैं और साथ ही साथ उसे हासिल करने के लिए जी तोड़ प्रयास भी करते हैं परंतु इस अंधी दौड़ का कोई फायदा नहीं है बेहतर होगा कि अपने लक्ष्य का चुनाव करने के साथ ही इसके लिए जरूरी संसाधनों को भी जुटाए । यदि आप ऐसा करने में असमर्थ हैं तो पहले छोटे छोटे लक्ष्य बनाएं उन्हें हासिल करें तत्पश्चात उचित संसाधनों के Available हो जाने पर, बड़े लक्ष्य की ओर आगे बढ़े । बस यही एक तरीका है जिससे आप अपने करियर अपने बिजनेस में सफलता हासिल कर सकते हैं ।

                            

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author

Karan Mishra

करन मिश्रा को प्रारंभ से ही गीत संगीत में काफी रुचि रही है । आपको शायरी एवं कविताएं कहने का भी बहुत शौक है । आपको, अपने निजी जीवन एवं कार्य क्षेत्र में मिले अनुभवों के आधार पर प्रेरणादायक विचार एवं कहानियां लिखना काफी पसंद है । करन अपनी कविताओं एवं विचारों के माध्यम से पाठको, विशेषकर युवाओं को प्रेरित करने की कोशिश करते रहे हैं ।

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