गरमी की छुट्टियों में विन्नी नानी के घर आयी थी । वहाँ सबसे मिल कर और थोङी देर आराम करके शाम में नानी को बताकर अपनी बचपन की दोस्त माही, जिसकी कुछ दिन पहले ही शादी हुई थी ,से मिलने गयी …. माही का घर:-
विन्नी:- नमस्ते आंटी , माही है क्या ?
माही की माँ :- खुश रहो बेटा , हाँ वो अपने कमरे में ही है , जाओ मिल लो ।
विन्नी :- जी आंटी ××××
विन्नी :-हाय!!! कैसी है तू ?
माही (गुस्से में):- तू मुझसे बात मत कर!
विन्नी :- अरे क्या हो गया तुझे , इतने गुस्से में क्यों है तू?
माही :- तू ये पूछ रही हैं , जैसे तुझे कुछ पता ही ना हो!
विन्नी:- क्या नहीं मुझे पता है , क्या बोल रही है तू , मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा है ;बतायेगी मुझे?
माही:-अपने फोन के स्क्रीन को आगे करके दिखाते हुए, ये देख; तूने क्या किया ?
विन्नी:-क्या है ये ,तेरी व्हॉट सप की चैट ,ये तू मुझे क्यों दिखा रही है?
माही:-ये व्हॉट सप की चैट है ,जो तेरे जीजू और मेरी है।
विन्नी:- हाँ तो?
माही:-तेरी जीजू ने बताया कि तूने उनके तेरे साथ मजाक करने पर तूने उन्हें कितना सुनाया , तुझे शर्म नहीं आयी ,तू उनसे ऐसे कैसे बात कर सकती है ,वो तेरे जीजू है।
विन्नी:-मैंने उन्हें बस उनके लीमिट में रहने के लिए कहा।
माही:-तुझे उनसे माफी मांगनी चाहिये ।
विन्नी:-माफी ,किस बात की ,मैंने ऐसी कोई गलती नहीं ,जिसके लिए मुझे माफी मांगनी पङे ।
माही:- तेरे जीजू नें तेरे साथ मजाक की और तूने उन्हें इतना सुना दिया,उस बदतमीजी के लिए माफी मांगों उनसे।
विन्नी:- मैंने कोई बदतमीजी नहीं की मैंने बस उन्हें उनकी हद में रहने के लिए कहा है, तो मैं माफी नहीं मांगने वाली।
माही :- उन्होंने तेरे साथ मजाक किया था।
विन्नी:- वो मजाक नहीं था,अश्लीलता में फर्क मुझे समझ आता है।
माही:-तू उनकी साली है , उन्हें हक है तुझसे मजाक करने का।
विन्नी:- तो मजाक करें ना ,बदतमीजी ना करें।
माही:-तू उनसे माफी नहीं मांगेगी?
विन्नी:- नहीं।
माही :-तो ठीक है तू आज के बाद मुझसे बात नहीं करेगी ।
××××× इस बात को हुए दो साल हो गए हैं विन्नी और माही के बीच बोल -चाल बंद है , ना वे एक -दूसरे के घर भी जाती हैं ।
करन मिश्रा को प्रारंभ से ही गीत संगीत में काफी रुचि रही है । आपको शायरी, कविताएं एवं गीत लिखने का भी बहुत शौक है । आपको अपने निजी जीवन में मिले अनुभवों के आधार पर प्रेरणादायक विचार एवं कहानियां लिखना काफी पसंद है ।
करन अपनी कविताओं एवं विचारों के माध्यम से पाठको, विशेषकर युवाओं को प्रेरित करने का प्रयत्न करते हैं ।