शिवानी की कहानी | निशब्द और शिवानी की प्रेरणादायक कहानी

शिवानी की प्रेरणादायक लघु कहानी | दो सहेली- निशब्द और शिवानी की मोटिवेशनल हिंदी स्टोरी | Stay away from criticism - short Motivational Story in Hindi

आलोचनाओ से रहे दूर – मोटिवेशनल हिंदी स्टोरी

शिखा “तुमने देखा”
निशब्द”हां मैंने देखा अरविंद जी बहुत हैंडसम हैं और काफी समझदार भी लगते हैं”
अपने होने वाले पति की तारीफ, निशब्द के मुख से सुनकर, शिखा का चेहरा खिल उठता है परंतु तभी उसकी एक सेहेली शिवानी बोल उठती है
“समझदार ? चलो मान लिया होगें, मगर हैंडसम वो किस मायने में, काला कलूटा बैंगन लूटा”
निशब्द, शिवानी को चुप कराते हुए “तुम तो बस चुप ही करो”
शिवानी “अरे मैंने गलत क्या कहा, जो देखा वही तो बता रही हूं”
ऐसा कहकर गुस्से में बुदबुदाते हुए शिवानी मैरिज हॉल से बाहर निकल आती है । वहीं अपनी प्रिय सहेली शिवानी की बातों से आहत, शिखा का चेहरा काला पड़ जाता है । निशब्द शिखा को इस हाल में देख बहुत दुखी होती है परंतु इस सिचुएशन को हैन्डिल कैसे किया जाय वह नहीं समझ पा रही । ऐसी लाचारी की स्थिति में वह मैरिज हॉल से बाहर शिवानी के पीछे-पीछे चली आती है ।
वह उसे पीछे से आवाज दे रही है परंतु गुस्से से भरी शिवानी उसकी एक न सुनते हुए बस चलती चली जा रही है तभी उसका पीछे से हाथ थामते हुए निशब्द कहती है

तुम्हें ये सब कहने की क्या जरूरत थी, अरविंद जी जैसे भी हैं परंतु अब वे शिखा के होने वाले पति हैं । तुम किसी का भाग्य नहीं बदल सकती, उसके भाग्य में जो था वह उसे मिला है । हां इतना जरूर है कि तुमने ये सब कहके उसकी तमाम खुशियों पर पानी फेर दिया । तुम्हें तो हर लड़के में बस नुख्स निकालने की आदत सी हो गई है । कहीं तुम्हारी भी किस्मत में कोई ऐसा लड़का न लिखा हो कि जिसके नाते कभी तुम्हें भी हंसी का पात्र बनना पड़े

अपने सपनों के राजकुमार के बारे में ऐसी बातें सुनकर, शिवानी को बहुत गुस्सा आता है । वह, निशब्द से झगड़ने लगती है और कहती है ।

जब मेरे सपनों का राजकुमार घोड़ों पर चलकर मुझे लेने आएगा तब तुम सब बस देखती रह जाओगी

वक्त बीतने के साथ ही शिखा, निशब्द और शिवानी, एक दूसरे से काफी दूर हो जाती हैं । उनको बिछड़े हुए लगभग एक दशक से भी ज्यादा का समय हो चुका है ।
सर्दियों का मौसम आता है । शिवानी अपने पति के साथ शिमला घूमने जाती है वहीं उसकी मुलाकात निशब्द से हो जाती है । एक दूसरे को बहुत दिनों बाद सामने पाकर दोनों सहेलियाँ बहुत खुश हैं । उनमें खूब सारी बातें होती हैं । बातों-बातों में निशब्द बताती है कि शिखा व कुछ अन्य सहेलियां भी यहां घूमने आयीं हैं, क्यूँ न, सारी सहेलियां कहीं एक जगह इकट्ठा हो और फिर पुरानी यादें ताजा की जाए ?️ शिवानी, निशब्द की बातों में अपनी सहमति जताती है ।
अगले दिन होटल में सभी सहेलियों का मिलना तय होता है । दशकों बाद मिल रही सहेलियां, एक दूसरे को पाकर बहुत खुश हैं । उनमें काफी देर तक गपशप और हंसी ठिठोली चलती रहती है । जाते-जाते निशब्द वेटर से बिल मांगती है तब वेटर मुस्कुराते हुए कहता है 

मैडम, किसका बिल और कौन सा बिल, ये होटल तो आपका ही है आप यहां जब चाहे आ सकती हैं

वेटर की रहस्यमई बातों को सुनकर सभी सहेलियां आश्चर्य में पड़ जाती हैं । वो वेटर से बातें गोल गोल घुमाने की बजाएं, सबकुछ साफ-साफ बताने को कहती हैं तब वेटर शिवानी की ओर इशारा करते हुए कहता है

ये होटल मेम साहब का है आपके हस्बैंड इस होटल के मालिक और हमारे साहब हैं ऐसे में भला हम आप से पेमेंट कैसे ले सकते हैं

वेटर की इस बात से सारी सहेलियां चौक जाती है और अपने हस्बैंड से मिलवाने के लिए शिवानी पर दबाव डालने लगती हैं । शिवानी सहेलियों की जिद्द को मान लेती है और मैनेजर से अपने हस्बैंड को बुलाने के लिए कहती है । थोड़ी ही देर में शिवानी का हस्बैंड उनसे मिलने आता है जिसको देखकर शिखा व दूसरी सहेलियां जोर-जोर से हंसने लगती हैं ।
शिवानी का चिपटी नाक वाला हस्बैंड, कोयले से भी अधिक काला एवं बहुत ही कुरूप है ।

निशब्द और शिवानी की प्रेरणादायक कहानी से शिक्षा

दोस्तों यहां उपस्थित सभी प्राणी, ईश्वर की बनाई हुई रचना हैं इसलिए हमें ईश्वर की बनाई रचना में कभी कोई नुक्स नहीं निकालना चाहिए । यदि व्यक्ति का मूल्यांकन करना ही है तो उसके चरित्र करें क्योंकि चरित्र की सुंदरता ही सच्ची सुंदरता है जिसका निर्माण वह व्यक्ति स्वयं करता है और उसके लिए जिम्मेदार भी वह स्वयं होता है ।
दोस्तों, सुंदरता किसी व्यक्ति या वस्तु में नहीं बल्कि देखने वालों की आंखों में होती है चूंकि दुनिया में कोई भी व्यक्ति परफेक्ट नहीं हो सकता । हर किसी में कोई ना कोई कमी जरूर होती है इसीलिए दूसरों की कमियों का मजाक ना उड़ाएं अन्यथा एक न एक दिन आप की खामियों पर भी लोग हंसेंगे और ऐसा करने का मौका भी उन्हें, आप  स्वयं देंगे !
बनाए रखें ।


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Karan Mishra

करन मिश्रा को प्रारंभ से ही गीत संगीत में काफी रुचि रही है । आपको शायरी एवं कविताएं कहने का भी बहुत शौक है । आपको, अपने निजी जीवन एवं कार्य क्षेत्र में मिले अनुभवों के आधार पर प्रेरणादायक विचार एवं कहानियां लिखना काफी पसंद है । करन अपनी कविताओं एवं विचारों के माध्यम से पाठको, विशेषकर युवाओं को प्रेरित करने की कोशिश करते रहे हैं ।

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