Story On Good Company in Hindi | अच्छी संगत का असर प्रेरणादायक कहानी
हालांकि एक ही गांव के होने के नाते हीरा ने कई बार उसे जेल से रिहा भी करवाया परंतु वक्त के साथ सुधरने की बजाय मोती के आए दिन जेल जाने के चक्करों से तंग आकर हीरा ने उसकी मदद करनी छोड़ दी ।
असल में मास्टर साहब का बेटा एक नंबर का आवारा और बदमाश है । वह आए दिन लोगों से मारपीट किया करता है जिसके कारण उसे कई बार हवालात के चक्कर भी काटने पड़ते हैं । अब यदि कोई दूसरा होता तो बात कुछ और होती परंतु जब बात अपने औलाद की हो तो भला कौन बाप हाथ पर हाथ धरे बैठ सकता है लिहाजा बेटे के पीछे पीछे हीरा भी पुलिस थाने व कोर्ट कचहरी के चक्कर काटते रहते हैं ।
हीरा बिल्कुल खामोश हैं उसने चाय के लिए हां या ना कुछ भी नहीं कहा । कुछ ही देर बाद हवलदार वहां चाय का प्याला रख जाता है । हीरा भी चुपचाप कुर्सी पर बैठे-बैठे चाय पीने लगता हैं तभी इस चीर खामोशी को तोड़ते हुए सामने बैठा इंस्पेक्टर उनसे कहता है