अगर मैं पक्षी होता – कविता – निशा कौशल सिंह

 अगर मैं पक्षी होता। दूर – दूर तक घूमकर आता, अगर मैं पक्षी होता। मम्मी जो बुलाती अंदर आओ- श्याम हो गई , चू- चू  कर फिर उड़ जाता, अगर मैं पक्षी होता। खूब देर तक करता अचर- विचर मैं, भूख लगने पर पेड़ से ताज़ा मीठे फल खाता, अगर मैं पक्षी होता। ना पढ़ने […]

देखे जिनके सपने – हिन्दी कविता | Poem in hindi

“सपने” देखे जिनके सपने, वो नही थे अपने ।। उनके भी सपने न्यारे, कदमो में चाँद सितारे । उम्मीद उनकी न हुई पूरी, ये रात भी रह गई अधूरी । देखे जिनके सपने  वो नही थे अपने… कुछ पल और रुक जाते, बात मेरी भी मान जाते । दामन भर देता खुशियो से, अगर विश्वास […]

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