हिंदी कविताएँ | Hindi Kavitayen

“सावन” बूंद गिरे जब सावन की, मन में हलचल होती है ।। छम-छम करती पैजनिया सी, नैनन को सुख देती है ।। भीग उठे जब सावन में हम, मन भी पावन हो जाए ।। सावन की इस बरखा में, मन वृंदावन सा हो जाए ।। बरसों-बरस से प्यासे से मन की, प्यास बुझावन देती है […]

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