अधूरे सपने – शालिनी तिवारी की दर्द भरी कविता

 *अधूरे सपने* 

वक्त ऐसा हो कि हाथ में तेरा हाथ हो 
सैर करें दुनिया की जब तू मेरे साथ हो
सुना है कभी ना कभी होते हैं सपने पूरे
पर मेरे तो कुछ सपने आज भी हैं अधूरे 
काश तू भी हमारा कभी कुछ यूं इंतजार करें
याद कर हमें तू मिलने की आहे भरे
तेरे साथ हर सुख-दुख मंजूर है इसीलिए 
कुछ सपने मेरे अभी भी अधूरे हैं 
मां-बाप का हाथ हमारे सर पर हो 
हमारी संगति पर हर किसी को गर्व है
आशीर्वाद में लेते हो हम साथ फेरे है
ऐसे ही कुछ सपने अभी भी अधूरे हैं 
भले जिंदगी में मुश्किलों का दौर होगा 
हमारे तुम्हारे बीच कोई और ना होगा
आधे हैं हम मिल जाओ तुम तो पूरे हैं 
ऐसे ही कुछ सपने अभी अधूरे हैं 
हकीकत में कब तुम्हारा आना होगा
जाने कब तुमसे मिलने का बहाना होगा
अभी तक सपनों में सजाए सारे नूर हैं
इसीलिए कुछ सपने अभी अधूरे हैं…

                                   

Poet
शालिनी तिवारी

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author

Karan Mishra

करन मिश्रा को प्रारंभ से ही गीत संगीत में काफी रुचि रही है । आपको शायरी एवं कविताएं कहने का भी बहुत शौक है । आपको, अपने निजी जीवन एवं कार्य क्षेत्र में मिले अनुभवों के आधार पर प्रेरणादायक विचार एवं कहानियां लिखना काफी पसंद है । करन अपनी कविताओं एवं विचारों के माध्यम से पाठको, विशेषकर युवाओं को प्रेरित करने की कोशिश करते रहे हैं ।

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