*अधूरे सपने*
वक्त ऐसा हो कि हाथ में तेरा हाथ हो
सैर करें दुनिया की जब तू मेरे साथ हो
सुना है कभी ना कभी होते हैं सपने पूरे
पर मेरे तो कुछ सपने आज भी हैं अधूरे
काश तू भी हमारा कभी कुछ यूं इंतजार करें
याद कर हमें तू मिलने की आहे भरे
तेरे साथ हर सुख-दुख मंजूर है इसीलिए
कुछ सपने मेरे अभी भी अधूरे हैं
मां-बाप का हाथ हमारे सर पर हो
हमारी संगति पर हर किसी को गर्व है
आशीर्वाद में लेते हो हम साथ फेरे है
ऐसे ही कुछ सपने अभी भी अधूरे हैं
भले जिंदगी में मुश्किलों का दौर होगा
हमारे तुम्हारे बीच कोई और ना होगा
आधे हैं हम मिल जाओ तुम तो पूरे हैं
ऐसे ही कुछ सपने अभी अधूरे हैं
हकीकत में कब तुम्हारा आना होगा
जाने कब तुमसे मिलने का बहाना होगा
अभी तक सपनों में सजाए सारे नूर हैं
इसीलिए कुछ सपने अभी अधूरे हैं…
Poet
शालिनी तिवारी
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