कर्तव्य – कर्तव्यो का एहसास कराती कपल की मनोरंजक कहानी

कर्तव्यों का एहसास कराती मनोरंजक कहानी। कर्त्तव्य पालन की शिक्षा देती पति-पत्नी की तीखी नोकझोंक पर आधारित प्रेरणादायक लघु कहानी। story on Obligation in hindi.

कल रात दो समुदायों के लोगों के बीच में थोड़ी झड़प हो गई है जिसके कारण शहर में तनातनी का माहौल है । आज संडे का दिन है सुबह के 10:00 बज रहे हैं परंतु मृदुल चद्दर ताने कुछ ऐसे सोया है मानो वह बीते 6 दिनों की थकान आज निकाल कर ही दम लेगा तभी अचानक चंदर खींचते हुए उसकी बीवी रोहणी आवाज लगाती है ।

बस सोते ही रहना । पूरे हफ्तें तो घूमने से फुर्सत नहीं मिलती, बचा एक संडे तो उस दिन भी ये नहीं सोचते कि तुम्हारी कोई बीवी भी है जो सारा सारा दिन घर पर पड़ी रहती है आखिर वह भी तो इंसान है । चलो कम से कम आज ही उसे कहीं घुमा लाएं, पर नही, भला ऐसा तुम क्यों सोचने लगे

रोहणी की बातें सुनकर मृदुल को गुस्सा आ जाता है वह झल्लाकर कहता है 

जरा दो दिन मेरे साथ घूम लो फिर देखना चार दिन बिस्तर से नहीं उठोगी । तुम्हें क्या पता छ: दिनों की वर्किंग हमें कितना थका देती है फिर तो मन बस यही चाहता है कि सारा दिन बिस्तर पर यूं ही पड़े रहो कहीं मत जाओ । एक दिन आराम का मिलता है लेकिन वो भी तुमसे देखा नही जाता । लेक्चर देना शुरु कर देती हो । मैं सोचता हूं कि मैं घर ही क्यूं आता हूं

दोनों के बीच की यह तकरार काफी देर तक यूं ही चलती रहती है । वे दोनों खुद को सही साबित करने में लगे रहते हैं ।
अगले दिन मृदुल नहा धोकर ऑफिस के लिए तैयार हो रहा है परंतु तभी उसे पुलिस की गाड़ियों का सायरन सुनाई देती है । पता चलता है कि शहर में चल रहा तनाव अब काफी बढ़ गया है जिसके चलते पूरे शहर में कर्फ्यू लगा दी गई है और कोई भी घर से बाहर नहीं जा सकता, बाहर निकलने वालो की पुलिस द्वारा जबरदस्त सेवा की जा रही है लिहाजा सेवा से बचने के लिए चुपचाप घर पर पड़े रहने में ही भलाई है स्थिती को भांप मृदुल ऑफिस जाने की बजाए घर पर ही वक्त बिताने की सोचता है ।
एक से दो, दो से चार और फिर हफ्ते गुजर जाते हैं परंतु कर्फ्यू जस का तस बना रहता है कल तक जिन फुर्सत के पलो को ढूंढा करते थे आज वो पल ही काटने को दौड़ रहे हैं । इन फुर्सत भरे दिनो मे मृदुल परिवार के साथ काफी टाइम स्पेंड कर रहा है । अब वह सुबह सवेरे उठकर पत्नी के साथ किचन में हाथ बटाता है और बस इतना ही नहीं, वे दोनों अब सुबह का नाश्ता, दोपहर का लंच और रात का डिनर भी साथ-साथ ही करते हैं । 
काम से छुट्टी पाकर वे दोनों बालकनी में बैठे, गश्त लगा रहे पुलिसवालों को निहारते रहते हैं । कभी ना घर से निकलने वाली रोहणी भी अचानक कर्फ्यू लग जाने से, घर पर बोर होने लगी है और मृदुल की हालत तो बताए नहीं जाती । मानो उसे किसी ने पिजड़े में बन्द कर के रख दिया हो और वह बाहर निकलने के लिए फड़फड़ा रहा हो ।
हालांकि जब भी मृदुल अपनी ये हालात, पत्नी से शेयर करता है तब वह ताना कसते हुए बार-बार एक ही बात दोहराती है 

अब तुम्हें समझ में आ रहा होगा कि एक औरत कैसे महीनों-महीनों तक घर में पड़ी रहती है, वह कहीं घूमने नहीं जाती । आखिर वह कैसे अपना समय बीताती होगी?

पत्नी की बातों का मृदुल के पास कोई जवाब नहीं है । कुछ ही दिनों में कर्फ्यू खत्म हो जाता है और मृदुल फिर से ऑफिस जाने लगता है । संडे का दिन  है, रोहणी किचन में काम कर रही है तभी अचानक पीछे से कोई उसके कंधे पर अपना सर रखते हुए कहता है
“गुड मॉर्निंग जानू कैसी हो”
पति को इतना रोमांटिक देख रोहणी प्रफुल्लित हो जाती है । वह उसके गालों पर हाथ फेरते हुए कहती है 
“आज मेरे सरकार बड़ी जल्दी उठ गए क्या बात है आज भी कहीं जाना है क्या ? वैसे आज का दिन तो सिर्फ मेरा होना चाहिए”

जी बिल्कुल, आज का ये दिन सिर्फ आपके नाम। अब देर मत करो जल्दी से तैयार हो जाओ आज हम पहले मूवी देखने जाएंगे और फिर वही मॉल में लंच भी कर लेंगे और फिर वहां से वाटर पार्क चलेंगे

(मृदुल पत्नी से कहता है)

रोहिणी “वाह क्या बात है, दिन में सपने दिखाने का ये आइडिया आपको कहां से सूझा ?”
मृदुल “नहीं बाबा, मैं सच कह रहा हूं । बस तुम अब जल्दी से तैयार हो जाओ”
रोहिणी को बदले बदले से सरकार समझ में नहीं आ रहे हैं परंतु मृदुल के बार-बार फोर्स करने पर वह तैयार हो जाती है । पूरा दिन मृदुल और रोहणी बाहर बिताते हैं वे खूब सारा इंजॉय करते हैं । रोहिणी भले ही चाहे मृदुल के इस बदले मिजाज को समझ नहीं पा रही हो परंतु हकीकत ये है कि चार दिन के कर्फ्यू ने मृदुल को रोहिणी के प्रति अपने कर्तव्यों का एहसास करा दिया है ।

कर्तव्य – कर्तव्यो का एहसास कराती कपल की मनोरंजक कहानी से शिक्षा

दोस्तों परिवार के लिए पैसे कमाना, उनके भविष्य को संभालना सवारना, उनकी देखभाल करना, यह सब बेहद जरूरी है परंतु उनके साथ टाइम स्पेंड करना उनको वीकेंड पर कहीं घूमने ले जाना भी उतना ही जरूरी है । यदि आपको भी ये बातें बेफिजूल लगती हैं तो ज्यादा नही महज एक हफ्ते खुद को घर में कैद करके देखे । आपको मेरी बातों के सही मायने समझ आ जाएंगे ।

इन प्रेरणादायक कहानियों को भी पढ़ें:
 Team MyNiceLine.com

यदि आप के पास कोई कहानी, शायरी , कविता, विचार या कोई जानकारी ऐसी है जो आप यहाँ प्रकाशित करना चाहते हैं तो कृपया उसे अपने नाम और अपनी फोटो के साथ हमें इस पते पर ईमेल करें:

  Contact@MyNiceLine.Com
  हम  आपकी पोस्ट को, आपके नाम और आपकी फोटो (यदि आप चाहे तो) के साथ यहाँ पब्लिश करेंगे ।

  कर्तव्य – कर्तव्यो का एहसास कराती कपल की मनोरंजक कहानी आपको कैसी लगी कृपया, नीचे कमेंट के माध्यम से हमें जरूर बताएं । यदि कहानी पसंद आई हो तो कृपया इसे Share जरूर करें !

author

Karan Mishra

करन मिश्रा को प्रारंभ से ही गीत संगीत में काफी रुचि रही है । आपको शायरी एवं कविताएं कहने का भी बहुत शौक है । आपको, अपने निजी जीवन एवं कार्य क्षेत्र में मिले अनुभवों के आधार पर प्रेरणादायक विचार एवं कहानियां लिखना काफी पसंद है । करन अपनी कविताओं एवं विचारों के माध्यम से पाठको, विशेषकर युवाओं को प्रेरित करने की कोशिश करते रहे हैं ।

इन्हें भी पढें...

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!