न जाने मैंने पिछले जन्म में ऐसा कौन सा पाप किया था कि जिसके नाते तुमने, मुझे ऐसा नारकीय जीवन दिया जिसे जीने से तो अच्छा होता है कि मैं मर जाता
हे प्रभु मुझे आपने यह कैसा नारकीय जीवन दिया है इससे तो अच्छा होता कि आप मुझे इस दुनिया में लाए ही ना होते मैं और अब यहां जीना नहीं चाहता । कृपया मुझे अपने साथ ले चलें
हे प्रभु जिस जीवन में ना तो धन है, ना स्त्री का साथ है और ना ही सुंदर स्वरूप है ऐसा जीवन भला किस काम का । मैं ऐसा जीवन नहीं चाहता । कृपया मुझे इस जीवन से मुक्त करें और अपने साथ ले चलें
मुझे मत मारो, मैं मरना नही चाहता, मैं जीना चाहता हूं । मैं तुम्हें अपना सबकुछ देने को तैयार हूं परंतु तुम मेरे प्राण बक्श दो
मनुष्य जीवन अमूल्य है! दुखिया की प्रेरणादायक कहानी से शिक्षा
- तेनालीराम की कहानियां
- जिसका काम उसी को साजे और करे तो डंडा बाजे
- मियां शेख चिल्ली की कहानी
- स्वास्थ्य ही धन है
- अहंकार विनाश का कारण है
- ईश्वर को धन्यवाद
- बिना कष्ट किए फल नही मिलता
- जीवन एक संघर्ष है
- कैसे करें अपनों की पहचान
- “माता पिता के चरणों मे है स्वर्ग”
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