आज आरती बहुत दु;खी थी उसे कुछ भी अच्छा नही लग रहा था , आज उसकी फ्रेंड का बर्थडे था उसकी पार्टी मे जाना था लेकिन आरती का जाने का बिल्कुल भी मन नही था पार्टी का समय हो गया था लेकिन वो तैयार नही हुई थी , वो अकेली ही बालकनी मे बैठी थी , फोन की घंटी बजी लेकिन उसने उठाया नहीं , फिर दुबारा फोन की घंटी बजी आरती ने इस बार फोन काट दिया ।
रिया – नमस्ते आंटी जी
आरती की माँ – नमस्ते रिया
रिया – आरती फोन नही उठा रही है आंटी जी , आज सपना का बर्थडे है उसके बर्थडे पार्टी मे जाना है मै तैयार हूँ , आरती को जाना है या नही
आरती की माँ – जाना है बेटा तुम आओ ।
माँ – आरती किसका फोन था
आरती – माँ रिया का ,
आरती की माँ – फोन काट क्यों दिया , कोई जरुरी बात होगी तो ,उसने मुझे फोन किया था
आरती – वो भी न , कोई जरुरी बात नहीं है वो सपना का बर्थडे है उसी मे जाने के लिये फोन किया होगा , मुझे नही जाना है
माँ – क्यों? मैंने तो बोल दिया है कि तुम जाओगी और आ वह आ रही होगी ।
आरती – एक बार पूछ तो लिया होता माँ
माँ – तुम्हारी बेस्ट फ्रेंड है सपना , क्या सोचेगी नही जाओगी तो , कितना बुरा लगेगा उसे, जब सब उससे पूछेंगे की आरती क्यों नहीं आई , जिन्दगी मे लिया हर निर्णय हमेशा सही नही होता , मै देख रही हूं तुम हर चीज से भाग रही हो सब से कटी-कटी रह रही हो, कोई निर्णय गलत हो जाये तो इसका मतलब ये नही की हम जीना छोड़ दे ।
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आरती – सच मे माँ मुझे जीने की कोई इच्छा नही है , ये जिन्दगी बेकार है इसकी कोई वैल्यू नही है
( समीर की बेवफाई ने आरती को तोड़ दिया था )
माँ – नहीं आरती तुम्हारी सोच गलत है हमारा जीवन बहुमूल्य है इसके मूल्य को हमे ही समझना होगा चाहे कोई समझे या न समझे , किसी के लिये, अपनी जिन्दगी को हम यूँ ही बर्बाद नही कर सकते ,एक इन्सान जिसकी जिंदगी मे रिश्तो के लिये कोई जगह नही हो, उसके बारे मे सोच-सोच कर अपना समय बर्बाद करने की क्या जरूरत है , भगवान का शुक्र मनाओ कि उसके इरादों के बारे मे तुम को पहले से पता चल गया , जो व्यक्ति पैसे का भूखा है वह कभी भी किसी को धोखा दे सकता है ।
आरती – लेकिन माँ मै समीर को नही भुला पा रही हुँ मुझे जीने की कोई इच्छा नही है
माँ – गोल्ड सोने की दुकान पर रहे या सड़क पर गिरा रहे या कूड़े की ढेर मे पड़ा रहे या फिर गंदगी मे गिरा रहे फिर भी उसकी वैल्यू कम नही होती । किसी भी परिस्थिति मे उसकी वैल्यू कम नही होती , सब के लिये ये मूल्यवान वस्तु है ।
आरती चुप थी , माँ कि बातो को सुन रही थी
माँ- -(अपने हाथ की सोने की अगूँठी निकाल कर आरती को देते हुऐ ) आरती बताओ इस सोने की अगूँठी को किसी को दिया जाए तो वो लेगा या नही
आरती – क्यों नही लेगा माँ , ये गोल्ड है, गोल्ड की कीमत सब को पता है ।
माँ – बस बेटा ऐसे ही जीवन का मूल्य समझो किसी भी दशा मे ये मूल्यवान ही रहेगा, जीवन मे हम कई बार गिरते और उठते है हारते और जीतते है , कभी हमारे निर्णय सही होते है कभी गलत लेकिन कभी हमें निराश नही होना चाहिए, हमें लगने लगता है कि हमारी कोई वैल्यू नही है लेकिन ऐसा नही है की आप की कोई वैल्यू नही होती है जीवन मे कभी भी निराश होने कि जरुरत नही है। चाहे आज या चाहे कल आप का जीवन बहुमूल्य है आप के पास कोई मूल्यवान वस्तु है तो वह है आप का जीवन, इसकी वैल्यू आप को खुद समझनी होगी ।
Moral of the story :-
कभी भी आप को किसी भी परिस्थिति मे निराश होने कि आवश्यकता नही है आज की असफलता के लिये आपको अपना आने वाला कल बर्बाद नही करना चाहिए ।
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Writer
Prabhakar
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