जूही प्रोफेसर विनीता के घर काम करती थी उन के घर वो सुबह 6 बजे आ जाती थी , फिर वो पहले मेम साहब को चाय बना के देती थी उस के बाद किचन की साफ सफाई कर के उनके लिये नाश्ता तैयार करती थी , इधर मेम साहब नाश्ता करती उधर वह घर का और काम करती थी ,
मेम साहब – जूही तूने नाश्ता किया ( मेम साहब भी जूही का बहुत ख्याल रखती थी )
जूही – जी मेम साहब अभी कर रही हूँ
मेम साहब – पहले नाश्ता कर लो, फिर काम करना, सुबह से कुछ खाया तो होगा नही
जूही – नहीं मेम साहब
मेम साहब – सुबह का नाश्ता बहुत जरूरी होता है शरीर के लिये , इससे पूरे दिन शरीर को एनर्जी मिलती है ,पहले नाश्ता करो फिर काम करना रोज तुमको कहना पड़ता है , और याद रखना नाश्ता आराम से करना
मेम साहब के कहने पर जूही ने नाश्ता किया फिर मेम साहब के लिये लंच तैयार किया मेम साहब लंच लेकर कॉलेज चली गई, जूही अपने घर आ कर अपने घर के काम मे लग गई , ये उसके रोज का रूटीन था फिर वह शाम को 6 बजे तक मेम साहब के घर आ गई
मेम साहब – थोड़े देर बाद चाय बनाना अभी मन नही है चाय पीने का
जूही जी -मेम साहब
मेम साहब –जूही कल दोहपर मे कुछ लोग आयेंगे तो तुम कल दोपहर मे घर मत जाना या घर जा कर 2 बजे तक चली आना
जूही – ठीक है मेम साहब मे 2 बजे तक आ जाऊंगी
जूही अपने रोज की रूटीन की तरह 8:30 बजे काम खत्म कर के घर चली गयी , अगले दिन शाम के बजाय वह 2 बजे ही आ गई मेहमान आ चुके थे
जूही – मेम साहब लगता है मुझे लेट हो गया ( मेहमानों को पहले आया देख कर जूही थोडा घबरा गई थी )
मेम साहब – नही तू लेट नही है, जाकर चाय बना लो, मै आती हुँ
चाय नाश्ता देने के बाद जूही स्टडी रूम की सफाई मे लग गई , वहाँ मेज पर पड़ी एक किताब उसने देखा तो वह वही नीचे बैठ कर उसे पढ़ने लगी , मेहमानों के जाने के बाद मेम साहब जूही को आवाज दिए बिना ही स्टडी रूम मे आ गई क्योकि उनको मालूम था की जूही उस रूम की सफाई कर रही है जूही मेम साहब को देख कर एक दम से हड़बड़ा गई क्योकि उसके हाथ मे उनकी बुक थी, जो उसने, उनसे बिना पूछे लिया था ,
मेम साहब – क्या हुआ जूही बुक पढ़ रही थी तो पढ़ो ( चेयर पर बैठेते हुए)
जूही- ( थोड़ा घबराए हुए ) नही मेम साहब , हाँ मेम साहब
मेम साहब – हाँ या नहि ( हँसते हुए )
जूही – जी मेम साहब , यही मेज पर रखा था तो मैंने उठा लिया पढ़ने के लिए( जूही खड़ी हो गई किताब उसके हाथ मे थी )
मेम साहब – पढ़ना अच्छी बात है , और भी बुक्स थी तुमने यही क्यों उठाई,
जूही – ये मेरे सब्जेक्ट की थी इसलिये
मेम साहब – तू ने कभी बताया नही, पढ़ना है तो ये सब काम छोड़ना होगा, सिर्फ पढ़ाई पर ध्यान देना होगा
जूही – काम छोड़ दूँगी तो पढाई भी बंद करनी पड़ेगी
मेम साहब – क्यों ?
जूही – पैसे कहाँ से आयेंगे
मेम साहब – बाऊजी देंगे तेरे और कहाँ से आयेंगे
जूही – मेम साहब बाऊजी ने तो इन्टर के बाद ही पढाई बंद करा दी थी उन्होंने कहा की अब बहुत हो चुकी पढाई अब इसकी शादी करा कर इसे ससुराल भेजने का समय आ गया है , लेकिन मै पढ़ना चाहती थी। मैंने माँ से कहा मुझे पढ़ना है। माँ ने बाऊजी से बात की लेकिन वो तैयार नही हुए बोले की मेरे पास पैसे नही है , फिर मैंने माँ से कहा कि मै कुछ काम कर लूँ जिससे मै अपने पढ़ने के लिए पैसे का इतजाम कर लूँ तो बाऊजी को कोई एतराज तो नही होगा । माँ ने बाऊजी से बात की उन्होंने हामी भर दी फिर आप के घर काम मिल गया, वैसे भी लड़कियों को कहाँ पढ़ने को मिलता है उन्होंने तो इन्टर करा दिया वही बहुत है हमारे आस पास तो बहुत सी लड़कियाँ पाँचवी क्लास तक पढ़ी है । कुछ तो वो भी नही पढ़ी है , बाऊजी ने कहा था, जब तक पढ़ती रहोगी पढ़ाता रहूँगा जहाँ रिजल्ट रुका वही बैठा दूँगा, बाऊजी की मजबूरी थी । मेरी और दो बहनों और एक भाई को पढ़ना है वो चाहते थे की कम से कम सब इन्टर कर ले ,
मेम साहब – तू बहुत मेहनत करती है
जूही – मेम साहब अपने को प्रुफ करना है तो मेहनत तो करनी ही पड़ेगी , लड़कियों को भी लड़को के बराबर ही समझा जाये इसके लिये हम जैसी लड़कियों को कड़ी मेहनत करनी पड़ेगी जिसको मौका मिला है ये प्रूफ करने का , आज मेरे मुहल्ले मे सब कहते है जूही दीदी पढ़ सकती है तो हम भी पढ़ेगे ,हमे भी स्कूल जाना है
मेम साहब – बहुत अच्छा जूही ,समाज को गर्व है तुम्हारे जैसे साहसी कड़ी मेहनत करने वाली लडकियों पर, एक रोल मॅाडल के रूप मे अभी से तुहारी पहचान बन गई है। ये तुम्हारी मेहनत का ही नतीजा है, मै तुम को पढ़ाउंगी ,तुम मुझे एक घंटा देना ,वह हम अर्जेस्ट कर लेगे सुबह शाम मिला कर
जूही बहुत खुश हुई की उसे मेम साहब पढ़ायेगी, अब तो उसके अच्छे नंबर आयेगे ।
Moral of the story :-
अपने को प्रूफ करना है तो मेहनत तो करनी पड़ेगी ,कड़ी मेहनत और लगन से वो लक्ष्य आप हासिल कर लेते हो जिससे आप समाज मे एक अलग पहचान बना लेते हो , आप लोगो के लिये एक रोल मॅाडल बन सकते हो
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Writer
Prabhakar
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